क्या है अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट और इसने कैसे शिक्षा की आड़ में खड़ा किया कारोबार?
क्या है खबर?
हरियाणा के नूंह में अपने चैरिटेबल ट्रस्ट और एक उलझे हुए कारोबारी नेटवर्क के लिए पहचान रखने वाला 'अल फलाह' अब सीधे तौर पर दिल्ली कार विस्फोट और एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल से जुड़ गया है। अल फलाह यूनिवर्सिटी (फरीदाबाद) में मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और पुलिस ने छापेमारी भी की। इसके कुलाधिपति वही जव्वाद अहमद सिद्दीकी हैं, जो नूंह के अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के भी प्रमुख ट्रस्टी हैं।
इस्तेमाल
कौन कर रहा था अल फलाह यूनिवर्सिटी परिसर का इस्तेमाल?
पुलिस और TOI की रिपोर्ट्स के अनुसार, फरीदाबाद स्थित इस अल फलाह यूनिवर्सिटी परिसर का इस्तेमाल जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवातुल-हिंद जैसे संगठनों द्वारा किया जा रहा था। आरोप है कि फंड जुटाने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और विस्फोटक इकट्ठा करने के लिए अल फलाह चैरिटेबल फ्रंट्स और यूनिवर्सिटी नेटवर्क का इस्तेमाल किया गया था। दिल्ली विस्फोट में शामिल आतंकी डॉ उमर नबी और फरीदाबाद मॉड्यूल का सरगना डॉ मुजम्मिल अल फलाह यूनिवर्सिटी से ही जुड़े थे।
सवाल
पुलिस के खुलासे ने ट्रस्ट की गतिविधियों पर खड़े किए सवाल
जम्मू-कश्मीर पुलिस और NIA के ताजा खुलासे ने अल फलाह ट्रस्ट और उसके प्रमुख सिद्दीकी की गतिविधियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। सिद्दीकी पहले से ही दर्जनों प्राइवेट कंपनियों (अल फलाह इन्वेस्टमेंट्स, एक्सपोर्ट्स, आदि) के मालिक हैं और साल 2000 में एक वित्तीय घोटाले के मामले में भी उनका नाम आ चुका है। अब तक की जांच में सामने आया है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी के नाम एकत्र किए गए पैसों का आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा था।
पंजीयन
किस पते पर पंजीकृत है अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट?
हरियाणा के नूंह में समाजसेवा और शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट की संरचना भी काफी उलझी हुई है। यह ट्रस्ट नई दिल्ली के जामिया नगर पते पर पंजीकृत है और फलाह जल सहायता, भोजना जैसी कई सामाजिक योजनाएं चलाता है, लेकिन जांच में सामने आया कि शिक्षा की आड़ में एक बड़ा कारोबारी नेटवर्क निकला, जिसके तार सिर्फ हरियाणा और दिल्ली तक ही नहीं, बल्कि दुबई (UAE) तक जुड़े नजर आ रहे हैं।
प्रमुख
कौन है ट्रस्ट के प्रमुख सिद्दीकी?
इस पूरे नेटवर्क की कमान ट्रस्ट के प्रमुख ट्रस्टी जव्वाद सिद्दीकी के हाथों में है। इसी ट्रस्ट के जरिए शरीका पब्लिक स्कूल, अनाथालय और मदरसे चलाए जा रहे हैं। बता दें कि सिद्दीकी का नाम 1995-96 के दौर से ही कई व्यावसायिक कंपनियों के साथ भी जुड़ा हुआ है। इनमें अल फलाह इन्वेस्टमेंट्स, अल-फलाह सॉफ्टवेयर, अल फलाह कंसल्टेंसी से लेकर अल फलाह एक्सपोर्ट्स और एनर्जीज लिमिटेड समेत 8 अलग-अलग कंपनियां शामिल हैं।
जानकारी
एक वित्तीय घोटाले में आ चुका है ट्रस्ट प्रमुख का नाम
ट्रस्ट की साख पर एक पुराना सवालिया निशान भी है। साल 2000 में 'मिली गजट' की रिपोर्ट में सिद्दीकी का जिक्र आया था। उसमें उनके अल-फलाह इन्वेस्टमेंट्स से जुड़े एक वित्तीय घोटाले में गिरफ्तार किए जाने की बात कही गई थी।
नेटवर्क
UAE तक है ट्रस्ट का नेटवर्क
इस नेटवर्क में सिर्फ सिद्दीकी ही नहीं, बल्कि उस्मा अख्तर भी बड़ा नाम है। वह भी ट्रस्ट में एक प्रमुख ट्रस्टी हैं और अल-फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग की गवर्निंग बॉडी का हिस्सा रही हैं। वह वर्तमान में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में रहती हैं, जहां वह वस्त्र और इंटीरियर फिटिंग से जुड़े कारोबार से संबद्ध हैं। उस्मा भी अल-फलाह एजुकेशन सर्विस LLP और एमजेएच डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों में बतौर निदेशक रही हैं।
भिन्नता
नाम एक, लेकिन संस्थाएं अलग
यहां यह स्पष्ट करना जरूरी है कि अल फलाह नाम से देश-विदेश में कई अन्य संस्थाएं भी काम कर रही हैं, लेकिन उनका नूंह के इस ट्रस्ट से कोई सीधा संबंध नहीं है। अल फलाह UK मुख्यतः पाकिस्तानी मूल का संगठन है, अल फलाह चेन्नई मस्जिद निर्माण और कुरान वितरण जैसे धार्मिक कार्यों पर केंद्रित है और रायचूर और जम्मू के अल फलाह ट्रस्ट भी अलग-अलग संगठन हैं और इनके ट्रस्टी व कार्यक्षेत्र भी पूरी तरह भिन्न हैं।