व्लादिमीर पुतिन के 2 दिवसीय भारत दौरे पर कौन-कौन से अहम समझौते हो सकते हैं?
क्या है खबर?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर से भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आएंगे। फरवरी 2022 में शुरू हुए यूक्रेन युद्ध के बाद यह पुतिन का पहला भारत दौरा होगा। वह यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण इस यात्रा पर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों की भी पैनी नजर है। इस बीच आए जानते हैं पुतिन के इस दौरे पर क्या-क्या समझौते हो सकते हैं।
व्यापार
द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने पर रहेगा पुतिन का ध्यान
इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति पुतिन का ध्यान भारत और रूप के बीच द्विपक्षीय व्यापार को और अधिक मजबूत करने पर रहेगा। वर्तमान में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 63 अरब डॉलर (5.54 लाख करोड़ रुपये) का है। ऐसे में वह इसे अगले 5 सालों में 100 अरब डॉलर (लगभग 8.80 लाख करोड़ रुपये) तक ले जाने का प्रयास करेंगे। रूस के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार को इस संबंध में बयान भी दिया था।
बयान
पुतिन ने भी दिया है अहम बयान
भारत यात्रा से पहले VTB निवेश मंच पर पुतिन ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी बातचीत का केंद्र बिंदु भारतीय आयात का विस्तार होगा। ऐसे में पुतिन भारत द्वारा आयोजित भारत-रूस व्यापार मंच में भी शामिल होंगे। यह मंच रूसी बाजार में भारतीय इंजीनियरिंग उत्पादों की उपस्थिति बढ़ाने, समुद्री उत्पादों समेत भारतीय खाद्य उत्पादों की रूस द्वारा खरीद बढ़ाने और भारतीय दवा उत्पादों की रूसी खरीद की मात्रा बढ़ाने पर केंद्रित होगा।
तेल
रूसी तेल की खरीद बढ़ाने पर भी होगी चर्चा
रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन और मोदी की द्विपक्षीय वार्ता में रूस से तेल खरीद का मुद्दा भी अहम रहेगा, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। हालांकि, भारत रूस से तेल खरीद जारी रखी हैं। ऐसे में पुतिन का प्रयास रहेगा कि भारत इसे आगे भी जारी रखे। इसी तरह भारत रूस की सखालिन-1 परियोजना में ONGC विदेश लिमिटेड के लिए 20 प्रतिशत हिस्सेदारी की बहाली का भी प्रयास कर सकता है।
रक्षा
S-500 और SU-57 की खरीद का हो सकता है सौदा
पुतिन की यात्रा में रक्षा सौदे की भी उम्मीद है। इसमें वायु रक्षा प्रणाली S-400 और उसका उन्नत रूप S-500 समेत SU-57 लड़ाकू विमानों की खरीद प्रमुख है, जिसकी भारत तैयारी कर रहा है। पेसकोव ने मंगलवार को रक्षा सौदे के एजेंडे में इनके शामिल होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, "S-400 और SU-57 एजेंडे में है। मैं बस इतना कहूंगा कि हमारा सैन्य उद्योग बहुत अच्छा काम कर रहा है। हम उत्पादन बढ़ाने में कामयाब रहे हैं।"
खरीद
S-400 की 5 और रेजिमेंट खरीद सकता है भारत
रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा सौदे के तहत भारत S-400 की 5 और रेजिमेंट खरीदने के अलावा अधिक उन्नत संस्करण S-500 की खरीद का सौदा सकता है। इसी तरह SU-57 लड़ाकू विमानों के कम से कम दो स्क्वाड्रन खरीदे जा सकते हैं। इसके अलावा, रसद समर्थन के पारस्परिक आदान-प्रदान (RELOS) और 48N6 मिसाइल संस्करण पर भी बात बन सकती है। बता दें कि 48N6 को भारत डायनेमिक्स लिमिटेड के नेतृत्व में भारत में ही असेंबल किया जा रहा है।
जानकारी
भारत का सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्ता है रूस
बता दें कि रूस इस समय भारत का सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में रूस से भारत का रक्षा आयात 77 प्रतिशत था। यह दुनिया में सबसे अधिक है।
चर्चा
असैन्य परमाणु सहयोग पर भी हो सकती है चर्चा
पुतिन की भारत यात्रा के दौरान असैन्य परमाणु ऊर्जा पर भी समझौता होने की संभावना है। इसमें छोटे रिएक्टर के लिए एक प्रस्ताव शामिल है। बता दें कि रूस के पास महत्वपूर्ण तकनीकी, छोटे और लचीले रिएक्टर हैं। उसे इनके उत्पादन का वास्तविक अनुभव भी है। पेसकोव ने कहा है, "हम भारत के कुडनकुलम में शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के निर्माण में शामिल थे और इसलिए हम इस परियोजना के जारी रहने की आशा कर रहे है।"
रोजगार
रोजगार पर भी हो सकता है बड़ा समझौता
पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के श्रम गतिशीलता समझौते पर भी हस्ताक्षर करने की संभावना रहेगी। यह समझौता IT सेवाओं जैसे श्रम की कमी से जूझ रहे क्षेत्रों में रूस की मदद के लिए कुशल भारतीय श्रमिकों के कानूनी प्रवास की रूपरेखा तैयार करेगा। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस साल के अंत तक रूसी श्रम मंत्रालय द्वारा प्रबंधित कोटा के तहत 70,000 से अधिक भारतीय नागरिकों को रूस भर में आधिकारिक रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है।