क्रूज ड्रग्स केस: आर्यन खान की गिरफ्तारी से लेकर क्लीन चिट मिलने तक, कब क्या हआ?
क्या है खबर?
बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को आज क्रूज ड्रग्स मामले में क्लीन चिट मिल गई।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के विशेष जांच दल (SIT) ने अपनी चार्जशीट में आर्यन को आरोपी नहीं बनाया है और कहा है कि उनके पास से नशीले पदार्थ बरामद नहीं हुए थे।
इसी के साथ आठ महीने से चली आ रही आर्यन खान की मुसीबतें खत्म हो गई हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि इस मामले में कब क्या हुआ।
शुरूआत
2 अक्टूबर को क्रूज पर छापे के साथ शुरू हुआ मामला
NCB ने पिछले साल 2 अक्टूबर को मुंबई में एक क्रूज पर छापा मार आर्यन खान समेत कई आरोपियों को हिरासत में लिया था। कुछ घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें 3 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया था।
एजेंसी ने तब इनके पास से कोकीन, पांच ग्राम M.D, 21 ग्राम चरस, MDM की 22 गोलियां और 1,33,000 रुपये नकद मिलने का दावा किया था।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा भी शामिल थे।
सवाल
शुरू से ही उठने लगे पूरे केस पर सवाल
आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद कई ऐसी चीजें और बयान सामने आए जिन्होंने पूरे केस पर सवाल खड़े किए।
NCB के गवाह प्रभाकर सेल ने मुंबई NCB प्रमुख समीर वानखेड़े और दूसरे गवाह केपी गोसावी पर आर्यन और अन्य आरोपियों को छोड़ने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगाया।
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने भी वानखेड़े पर भी वसूली के लिए बॉलीवुड को निशाना बनाने का आरोप लगाया।
नवंबर में वानखेड़े को जांच से हटा दिया गया।
जमानत
काफी मशक्कत के बाद 28 अक्टूबर को आर्यन को मिली जमानत
मामले में जमानत पाने के लिए भी आर्यन खान को काफी मशक्कत करनी पड़ी। आखिरकार कई सुनवाई के बाद 28 अक्टूबर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने उन्हें शर्तों के साथ जमानत दे दी।
हाई कोर्ट ने आर्यन के देश छोड़कर जाने पर रोक लगा दी। इसके साथ ही उन्हें हर शुक्रवार को NCB के सामने पेश होने को भी कहा गया।
कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद आर्यन पूरे 28 दिन बाद 30 अक्टूबर को जेल से बाहर आए।
जानकारी
दिसंबर में आर्यन को मिली हर हफ्ते पेश होने की शर्त से छूट
जांच में उनके खिलाफ किसी तरह के सबूत नहीं मिलने पर आर्यन ने कोर्ट से हर हफ्ते NCB के सामने पेश होने की शर्त से छूट मांगी। दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने 15 दिसंबर को आर्यन को ये छूट प्रदान कर दी।
अंतिम चरण
अप्रैल में मुख्य गवाह प्रभाकर सेल की मौत
मामले में सबसे बड़ा मोड इस साल अप्रैल में तब आया जब मुख्य गवाह प्रभाकर सेल की हार्ट अटैक की वजह से मौत हो गई। उन्होंने ही वानखेड़े और गोसावी पर आरोपियों को रिहा करने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। वह गोसावी का बॉडीगार्ड था।
इस बीच SIT को भी मामले में आर्यन के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले और आज दाखिल की गई चार्जशीट में उन्हें सबूतों की कमी के कारण आरोप-मुक्त कर दिया गया है।