PFI के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान जांच एजेंसियों को क्या-क्या मिला?
क्या है खबर?
केंद्रीय जांच एजेंसियों ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उससे जुड़े अन्य संगठनों के ठिकानों पर दो चरणों की छापेमारी में 300 से अधिक पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।
उस दौरान ठिकानों पर कई संदिग्ध चीजें और दस्तावेज भी बरामद हुए थे। इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने PFI उससे जुड़े संगठनों पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है।
आइये जातने हैं कि जांच एजेंसियों को PFI के ठिकानों पर क्या-क्या संदिग्ध चीजें मिली थीं।
छापेमारी
PFI के ठिकानों पर हुई थी बड़ी छापेमारी
बीते एक हफ्ते में अलग-अलग राज्यों में PFI से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। पिछले गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर 13 से अधिक राज्यों में PFI के ठिकानों पर छापेमारी कर 106 नेताओं और पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया था।
इसके बाद मंगलवार को भी आठ राज्यों में पुलिस ने छापेमारी कर PFI के करीब 200 नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था।
बरामदगी
छापेमारी में ठिकानों क्या बरामद हुआ?
इंडिया टुडे के अनुसार, जांच एजेंसियों को छापेमारी के दौरान PFI के ठिकानों से विस्फोटक बनाने और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) नेविगेटर जैसे संदिग्ध उपकरण मिले हैं।
इनमें उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में PFI नेता मोहम्मद नदीम और उत्तर प्रदेश के खदरा से अहमद बेग नदवी के पास से इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बनाने की संक्षिप्त गाइड मिली है। इसका शीर्षक 'आसानी से उपलब्ध सामग्री का इस्तेमार कर IED कैसे बनाए' रखा गया है।
संदेश
मूर्ति पूजा करने वालों की हत्या करने का संदेश
IED बनाने की गाइड में यह भी संदेश दिया गया है कि जहां भी आप मूर्ति पूजा करने वालों को देखें तो उनसे लड़ाई करें और उन्हें मार डालें। इसे संगठन की ओर से देश में हिंसा भड़काने वाला संदेश माना जा रहा है।
इसी तरह तमिलनाडु के रामनाड जिले में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) जिलाध्यक्ष बाराकथुल्ला के आवास से दो लोवरेंस LHR-80 और GPS के साथ एक हैंडहेल्ड रेडियो और नेविगेटर भी बरामद किया गया है।
मिशन
महाराष्ट्र में PFI उपाध्यक्ष के पास मिले 'मिशन 2047' से जुड़े दस्तावेज
PFI महाराष्ट्र के उपाध्यक्ष के घर से सैकड़ों आपत्तिजनक सामग्री के विवरण के साथ 'मिशन 2047' से संबंधित ब्रोशर और सीडी मिली है। इस मिशन का उद्देश्य भारत को एक इस्लामिक राज्य में परिवर्तित करना है।
इसी तरह उत्तर प्रदेश में आतंकी संगठन ISIS और गजवा-ए-हिंद से जुड़ी कुछ सीडी और पेन ड्राइव मिले हैं।
बेंगलुरू में PFI नेता शाहिद खान के आवास से बेहिसाब नकदी बरामद की है। पूछताछ में वह नकदी के सॉर्स का खुलासा नहीं कर सका।
कार्रवाई
सरकार ने PFI पर लगाया पांच साल का प्रतिबंध
इन दस्तावेजों के आधार पर सरकार ने PFI और उससे जुड़े संगठनों पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है।
सरकार का कहना है कि PFI के आतंकी संगठनों से संबंध मिले हैं और वह संगठन की आड़ में समाज के एक वर्ग विशेष को कट्टरपंथी बनाने का गुप्त एजेंडा चला रहा है।
इससे अब संगठन की फंडिंग, भर्ती आदि पर रोक लगेगी और किसी की इसमें संलिप्त मिलने पर उसके खिलाफ आतंकवाद का मामला दर्ज किया जा सकता है।
अधिसूचना
SIMI से जुड़े रहे हैं PFI के नेता- सरकार
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि PFI के शीर्ष नेतृत्व में शामिल अधिकतर नेता पहले प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से जुड़े हुए थे।
इसमें यह भी कहा गया है कि PFI के जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (JMB) और इस्लामिक स्टेट (IS) से संबंध पाए गए हैं। JMB को 2019 में प्रतिबंधित किया गया था।
उससे पहले पश्चिम बंगाल, असम, झारखंड, कर्नाटक और दूसरे राज्यों में इसकी उपस्थिति दर्ज की गई थी।
जानकारी
क्या है PFI?
PFI एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है और यह खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला संगठन बताता है।
यह संगठन पहली बार 22 नवंबर, 2006 को केरल में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के मुख्य संगठन के रूप में अस्तित्व में आया था। उस दौरान संगठन ने दिल्ली के रामलीला मैदान में नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस आयोजित कर सुर्खियां भी बटोरी थीं।
पिछले दिनों देश में हुई कई सांप्रदायिक हिंसाओं में उसका नाम आ चुका है।
विस्तार
कितना बड़ा है PFI का कैडर?
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 2017 में PFI का एक डॉजियर तैयार किया था। इसमें कहा गया था कि PFI के 50,000 नियमित सदस्य हैं और केरल में करीब 1-1.5 लाख ऐसे लोग हैं, जो इस संगठन से सहानूभूति रखते हैं और हर साल इनकी संख्या बढ़ रही है।
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, NIA के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि PFI के पैर करीब 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं।