दिल्ली धमाके में मरने वालों में कंडक्टर-कारोबारी शामिल, सामने आई ये सूची
क्या है खबर?
दिल्ली में लाल किले के पास हुए बम धमाके में मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 13 हो गया है। अभी भी कई घायलों का लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में इलाज जारी है। यहां मौजूद मृतकों और घायलों के परिजनों का हाल बुरा है। किसी ने अपने बेटे को खो दिया है, तो किसी ने भाई को। मृतकों में उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के लोग शामिल हैं। आइए धमाके के पीड़ितों के बारे में जानते हैं।
बस
बस कंडक्टर अशोक की मौत, परिवार में अकेले कमाने वाले थे
धमाके में उत्तर प्रदेश के अमरोहा के रहने वाले अशोक कुमार की मौत हो गई। वे दिन में बस में कंडक्टर का काम करते और रात में सुरक्षा गार्ड का। उनके चचेरे भाई पप्पू ने NDTV से कहा, "अशोक के परिवार में 8 सदस्य थे। वो परिवार का इकलौता कमाने वाला था। उसके पास एक बाइक भी थी, जो अभी गायब है।" अशोक अपनी पत्नी, 3 लड़कियों और 1 लड़के के साथ दिल्ली के जगतपुर में रहते थे।
लोकेश
अस्पताल में भर्ती रिश्तेदार की खबर लेने आए थे लोकेश
अमरोहा के ही रहने वाले खाद व्यापारी लोकेश अग्रवाल भी इस घटना में मारे गए। वे बस कंडक्टर अशोक के दोस्त थे सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती अपने एक रिश्तेदार की खबर लेने दिल्ली आए थे। उनके परिवार के सदस्यों ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि वे लौटते समय अपने दोस्त अशोक से मिलने के लिए लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास रुके थे। तभी धमाका हुआ और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
कपड़ा व्यापारी
कपड़ा व्यवसायी अमर भी धमाके की चपेट में आए
धमाके में कपड़ा व्यवसायी अमर कटारिया की भी मौत हो गई। वे दिल्ली के श्रीनिवासपुरी में रहते थे और भागीरथ पैलेस में कपड़े की दुकान चलाते थे। उनके भतीजे ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, "मैंने उनसे आखिरी बार तब बात की थी, तब वे घर लौट रहे थे। वे चांदनी चौक में कपड़ों की दुकान चलाते हैं। तब से कोई खबर नहीं। हमें एक अनजान नंबर से फोन आया कि उन्हें लोक नायक अस्पताल ले जाया गया है।"
उत्तर प्रदेश
सामान खरीदने आए 22 साल के नौमान की भी मौत
उत्तर प्रदेश के शामली जिले के झिंझाना के रहने वाले 22 साल के नौमान की भी धमाके में मौत हो गई। वे अपनी दुकान का सामान खरीदने दिल्ली आए थे। नौमान का 21 वर्षीय रिश्तेदार अमन भी धमाके में घायल हो गया। मेरठ के मोहसिन की भी मौत हो गई। वे अपनी पत्नी और 2 बच्चों के साथ दिल्ली में रहते थे। उनकी मां ने समाचार एजेंसी IANS से कहा, "वह रोजगार के लिए दिल्ली आया था। ई-रिक्शा चलाता था।"
घायल
जोगिंदर ने जिंदगीभर की कमाई से खरीदी थी कैब, खाक हुई
धमाके में घायल हुए 34 वर्षीय कैब ड्राइवर जोगिंदर सिंह विस्फोट ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "मेरी कैब पूरी तरह जलकर खाक हो गई। मैंने इसे 2 महीने पहले अपनी सारी जमा-पूंजी लगाकर खरीदा था और अब कुछ भी नहीं बचा।" धमाके में चावड़ी बाजार में रहने वाली सुमन और उनकी पड़ोसी सरिता सक्सेना को भी चोट आईं। दोनों गौरी शंकर मंदिर जा रही थीं, तभी धमाका हुआ और उनका ई-रिक्शा पलट गया।