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पहले भी कई बार धमाकों से दहल चुकी है दिल्ली, जानिए कब-कब हुए हमले
दिल्ली के लाल किले के पास कार में हुए विस्फोट के बाद जांच में जुटी पुलिस

पहले भी कई बार धमाकों से दहल चुकी है दिल्ली, जानिए कब-कब हुए हमले

Nov 11, 2025
04:02 pm

क्या है खबर?

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास सोमवार शाम को कार में हुए जोरदार विस्फोट में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से अधिक घायल हैं। प्रारंभिक जांच में इसे फियादीन हमला यानी आत्मघाती हमला माना जा रहा है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली में धमाके हुए हैं। इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है। आइए अब तक हुए हमलों पर नजर डालते हैं।

हमला

दिल्ली में 13 साल बाद हुआ हमला

दिल्ली में फरवरी 2012 के बाद आतंकी घटना नहीं हुई थी। हालांकि, अब 13 साल बाद हुए इस धमाके ने लोगों और सुरक्षा एजेंसियों को हिलाकर रख दिया है। इस हमले का तरीका, कारण और योजना अभी तक सामने नहीं आ सकी है। साल 2012 में अज्ञात हमलावरों ने इजरायल के राजनयिकों को निशाना बनाकर उनकी कार में बम विस्फोट किया गया था। उस हमले में दूतावास का एक कर्मचारी, एक स्थानीय कर्मचारी और 2 राहगीर घायल हुए थे।

शुरुआत

दिल्ली में 1985 में हुआ था पहला बड़ा हमला

दिल्ली में साल 1985 में पहला बड़ा धमाका हुआ। उस दौरान 10 मई को ट्रांजिस्टर में फिट बम एक साथ कई जगह फटे थे। उस हमले में 49 लोगों की मौत हुई थी और 127 अन्य लोग घायल हुए थे। यह हमला बसों, बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर किया गया था। आजादी के बाद की यह शुरुआती बड़ी आतंकी वारदात थी, जिसने दिल्ली के लोगों में आतंक के खौफ का एक नया बीज बोकर रख दिया था।

लाजपत नगर

11 साल बाद लाजपत नगर में हुआ बड़ा हमला

साल 1985 के 11 साल बाद यानी 21 मई, 1996 को लाजपत नगर के मुख्य बाजार में भयंकर धमाका हुआ। उस हमले में 13 लोगों की मौत और 38 से अधिक लोग घायल हुए थे। हमले की जिम्मेदारी जम्मू-कश्मीर इस्लामिक फ्रंट ने ली थी। 22 दिसंबर, 2000 को आतंकवादियों ने लाल किले पर हमला बोला था। आतंकियों की गोलीबारी में 3 लोगों की मौत हो गई थी। उस हमले को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) ने अंजाम दिया था।

संसद

साल 2001 में आतंकियों ने संसद को बनाया निशाना

13 दिसंबर, 2001 को आतंकवादी संसद परिसर में घुस गए थे। वहां उन्होंने ताबड़तोड़ गोलीबारी की, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी। हमले में शामिल 5 आतंकवादी भी मारे गए थे। इस हमले को जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने अंजाम दिया था। उसके बाद 29 अक्टूबर, 2005 को दिवाली से 2 दिन पहले LeT आतंकियों ने दिल्ली में पहाड़गंज, गोविंदपुरी और सरोजनी नगर मार्केट 3 सिलसिलेवार धमाके किए थे। उनके 62 लोगों की मौत और 210 लोग घायल हुए थे।

धमाके

2008 में हुई 5 सिलसिलेवार बम धमाके

13 सितंबर, 2008 को दिल्ली के करोल बाग, कनॉट प्लेस, ग्रेटर कैलाश-1 में 5 धमाके हुए थे। इंडिया गेट के पास 4 बम निष्क्रिय किए गए थे। इन धमाकों में 30 लोगों की मौत हुई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। उसके बाद 27 सितंबर 2008 को महरौली की फूल मंडी में हुए 2 धमाकों में 3 लोगों की मौत हुई और 23 अन्य घायल हुए थे।

हाई कोर्ट

साल 2011 में दिल्ली हाई कोर्ट में हुए थे धमाके

7 सितंबर, 2011 को दिल्ली हाई कोर्ट के गेट नंबर-5 के पास धमाके हुए थे। इन धमाकों में 15 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 79 लोग घायल हुए थे। इन धमाकों की जिम्मेदारी हरकत-उल-जिहाद अल इस्लामी आतंकी संगठन ने ली थी। उसके बाद 2012 में इजरायली दूतावास को निशाना बनाया गया। हालांकि, उसके बाद सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से बड़ा हमला नहीं हुआ, लेकिन अब इस कार धमाके ने पुराने हमलों की याद ताजा कर दी।

रिपोर्ट

28 सालों में हुए 26 धमाके- IDSA 

रक्षा अध्ययन संस्थान (IDSA) की रिपोर्ट बताती है कि 1997 से अब तक दिल्ली में 26 बड़े धमाके हो चुके हैं, जिनमें 92 से अधिक लोग मारे गए और 600 से ज्यादा घायल हुए हैं। इन घटनाओं के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने कई अहम कदम उठाए। बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर CCTV निगरानी बढ़ाई गई, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सशक्त बनाया गया। बम डिटेक्शन स्क्वॉड और क्विक रिस्पॉन्स टीमों का विस्तार किया गया।