सीरम इंस्टीट्यूट ने किया 'नोवावैक्स' वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन
क्या है खबर?
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन 'नोवावैक्स' के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन कर दिया है। कंपनी ने आज सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (CDSO) के पास इसके लिए आवेदन किया।
अब CDSO की विशेषज्ञ समिति वैक्सीन के ट्रायल के नतीजों का विश्लेषण करेगी और उसकी सिफारिश के आधार पर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) वैक्सीन को मंजूरी देने पर फैसले लेंगे।
कंपनी ने इंडोनेशिया और फिलीपींस में भी आवेदन किया है।
बयान
वयस्कों के लिए अक्टूबर तक आ सकती है नोवावैक्स- अदर पूनावाला
SII प्रमुख अदर पूनावाला ने उम्मीद जताई कि नोवावैक्स अक्टूबर तक देश के वयस्कों के लिए लॉन्च हो जाएगी, वहीं 2022 की पहली तिमाही में ये बच्चों को लगना शुरू हो सकती है। वैक्सीन की कीमत के बारे में उन्होंने कहा कि इसका फैसला लॉन्च के समय लिया जाएगा।
उन्होंने SII को सभी तरह का समर्थन प्रदान करने के लिए सरकार का शुक्रिया अदा किया और कोई भी आर्थिक दिक्कत होने की बात से इनकार किया।
वैक्सीन
अमेरिकी कंपनी की है नोवावैक्स वैक्सीन
नोवावैक्स वैक्सीन को अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने विकसित किया है और भारत में इसके उत्पादन, ट्रायल और वितरण के लिए SII के साथ समझौता हुआ है। ये भारत में कोवावैक्स के नाम से उपलब्ध होगी और अभी इसका देश में ट्रायल चल रहा है।
समझौते के तहत SII नोवावैक्स की 200 करोक खुराक बनाएगी जिसमें से आधी खुराकें भारत के लिए होंगी, वहीं आधी खुराकें कम आय वाले देशों को जाएंगी।
ट्रायल
ट्रायल में 90 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है नोवावैक्स
नोवावैक्स वैक्सीन को अमेरिका और मैक्सिको में हुए बड़े स्तर के ट्रायल में कोरोना संक्रमण को रोकने में 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावी पाया गया था।
सब-प्रोटीन पर आधारित दो खुराक वाली इस वैक्सीन को अमेरिका और मैक्सिको की 119 जगहों पर लगभग 30,000 लोगों पर परखा गया था।
कंपनी ने कहा कि यह वैक्सीन मध्यम और गंभीर संक्रमण के खिलाफ 100 प्रतिशत और कुल मिलाकर 90.4 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है।
खासियत
ये हैं कोवावैक्स की खास बातें
कंपनी का कहना है कि कोवावैक्स की खुराक लगने के बाद अगर व्यक्ति वायरस के संपर्क में आता है तो वैक्सीन से बनी एंटीबॉडीज उसके स्पाइक प्रोटीन को लॉक कर देगी। इससे वायरस कोशिकाओं में नहीं जा पाएगा और व्यक्ति संक्रमित नहीं होगा।
साथ ही कहा जा रहा है कि इस वैक्सीन को रखने के लिए बहुत कम तापमान की जरूरत नहीं होगी, जिससे सुदूर इलाकों में इसे पहुंचाना आसान हो जाएगा और स्टोरेज को लेकर भी चुनौतियां कम होंगी।
मंजूरी
भारत में अब तक चार वैक्सीनों को मिल चुकी है मंजूरी
अगर नोवावैक्स को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिलती है तो यह भारत में मंजूरी पाने वाली पांचवीं और SII की दूसरी वैक्सीन बन जाएगी।
SII की कोविशील्ड वैक्सीन को भी भारत में मंजूरी मिल चुकी है और देश में इसका सबसे अधिक इस्तेमाल हो रहा है।
इसके अलावा भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, रूस की स्पूतनिक-V और अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन को भी भारत में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है।