उत्तरकाशी सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने वाले रैट माइनर्स लौटाएंगे इनामी राशि, जानें कारण
उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की जिंदगी बचाने वाले रैट माइनर्स ने प्रदेश सरकार की ओर से दी गई इनामी राशि को लौटाने का ऐलान किया है। टीवी9 के मुताबिक, रैट माइनर्स का कहना है कि सरकार का यह सम्मान उनके लिए न्यायसंगत नहीं है, इसलिए वह इस सम्मान को उन मजदूरों को देना चाहेंगे, जो सुरंग में फंसे थे। उन्होंने सम्मान राशि देने के लिए सरकार को धन्यवाद भी कहा।
50,000 रुपये से हमारा कुछ भला नहीं होने वाला- रैट माइनर्स
रैट माइनर्स टीम के सदस्य वकील हसन ने कहा कि उनके मन में यह बात चुभ रही है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जो सम्मान दिया, वह न्यायसंगत नहीं। हसन ने कहा कि 50-50 हजार रुपये से उनका कोई भला नहीं होने वाला। उन्होंने कहा, "हमने जान पर खेलकर मजदूरों को बचाया और सरकार ने 50-50 हजार रुपये थमा दिए।" उन्होंने कहा कि वह आज गड्ढा खोद रहे हैं और कल भी खोदेंगे, इसलिए मजदूरों को राशि देंगे।
कौन होते हैं रैट माइनर्स?
रैट होल माइनर्स खदानों में बहुत संकरी सुरंगें खोदते हैं। इन सुरंगों में न बैठा जा सकता है और न चला जा सकता है। इनमें चूहों की तरह चारों हाथ-पैर का इस्तेमाल कर लेटते हुए ही चला जा सकता है। 17 दिन से उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की जिंदगी बचाने के लिए रैट माइनर्स ने 21 घंटे के अंदर हाथ से 10-12 मीटर खुदाई की थी। उनके प्रयासों से मजदूरों को सकुशल बाहर निकाला गया था।