अमेरिका भारत को लौटाएगा चोरी हुईं प्राचीन कलाकृतियां, जानें इससे पहले क्या-क्या वापस आया?
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अमेरिकी सरकार ने भारत को 100 से अधिक प्राचीन कलाकृतियां लौटाने का फैसला किया है।
उन्होंने वाशिंगटन डीसी में एक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि यह प्राचीन कलात्मक वस्तुएं भारत से चोरी होने के बाद अलग-अलग तरीकों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंच गई थीं।
गौरतलब है कि इससे पहले भी अमेरिका कई बार भारत को प्राचीन वस्तुएं लौटा चुका है।
बयान
भावनात्मक बंधन को दर्शाता है अमेरिका का फैसला- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारतीय मूल की ये पुरावशेष वस्तुएं सही या गलत रास्तों से अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच गई थीं, लेकिन इन्हें भारत को लौटाने का अमेरिका का फैसला दोनों देशों के बीच भावनात्मक बंधन को दर्शाता है।"
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी विदेश यात्राओं के दौरान वैश्विक नेताओं से कई बार भारत की प्राचीन वस्तुओं और पुरावशेषों को वापस लाने को लेकर चर्चा कर चुके हैं।
मामला
अमेरिका ने पिछले साल लौटाईं थीं 307 प्राचीन वस्तुएं
अमेरिका ने पिछले साल अक्टूबर में करीब 15 वर्षों की जांच-पड़ताल के बाद 307 प्राचीन वस्तुएं भारत को लौटाईं थीं। इन वस्तुओं की कुल कीमत करीब 40 लाख डॉलर (32.78 करोड़ रुपये) थी, जिन्हें चुराकर या तस्करी के जरिए भारत से भेजा गया था।
अधिकतर वस्तुएं कुख्यात व्यापारी सुभाष कपूर के पास से बरामद की गई थीं। मैनहट्टन जिला अटॉर्नी एल्विन ब्रैग ने बताया था कि 235 वस्तुओं को कपूर के खिलाफ की गई छापेमारी में जब्त किया गया था।
मामला
वस्तुओं में शामिल था संगमरमर से निर्मित आर्क परिकरा
पिछले साल लौटाई गईं वस्तुओं में संगमरमर से निर्मित आर्क परिकरा भी शामिल था।
जैन समुदाय के लिए बेहद पवित्र मानी जाने वाली इस मूर्ति की कीमत करीब 85,000 डॉलर (लगभग 70 लाख रुपये) है। आरोप है कि सुभाष कपूर ने मई, 2002 में तस्करी कर भारत से अमेरिका भेज दिया था।
भारत को लौटाईं गईं प्राचीन वस्तुओं में गरुड़ के साथ भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा भी शामिल थी, जो 11वीं शताब्दी की बताई जाती है।
बयान
पुरावशेषों को वापस लाने की प्रक्रिया जारी- केंद्र सरकार
केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने हाल ही में बताया था कि पिछले 9 वर्षों में देश से 231 चोरी की गई प्राचीन वस्तुओं को भारत वापस लाया गया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 तक आजादी के लगभग 70 वर्षों के दौरान भारतीय मूल की केवल 13 अमूल्य धरोहरें पिछली सरकारों द्वारा विदेश से वापस लाई गई थीं।
सिंह ने कहा था कि केंद्र सरकार की अन्य देशों से और पुरावशेषों को लाने की प्रक्रिया तेजी से जारी है।