
अयोध्या के राम मंदिर में अब कोई नहीं होगा मुख्य पुजारी? ट्रस्ट ने दी जानकारी
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश में अयोध्या का राम मंदिर अब मुख्य पुजारी के बिना चलेगा। आचार्य सत्येंद्र दास के निधन के बाद उनकी जगह लेने वाला कोई नहीं है।
यह जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीरथ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने दी है।
उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ट्रस्ट ने 6 महीने पहले ही आचार्य सत्येंद्र दास से पूछ लिया था, अब कोई मुख्य पुजारी नहीं होगा।
राय ने इसके पीछे कई कारण गिनाते हुए कहा कि ये अतिश्योक्ति होगी।
घोषणा
मुख्य पुजारी न बनाने के पीछे क्या कारण?
महासचिव ने राम मंदिर का नया मुख्य पुजारी न बनाए जाने के पीछे कई कारण बताए, जिसमें आचार्य दास जैसे वरिष्ठ महंत का न मिलना भी एक कारण है।
उन्होंने कहा, "सत्येंद्र दासजी की आयु का कोई नहीं, उनके जैसा सम्मानीय कोई नहीं। उनके जैसा हनुमानगढ़ी का पुराना महंत कोई नहीं। वे 1993 से सेवा दे रहे थे और 100 रुपये महीना लेते थे। आज सभी जवान हैं, कोई भी उनके जितना विद्वान नहीं। अब मुख्य पुजारी कहना अतिशयोक्ति होगी।"
ट्विटर पोस्ट
राम मंदिर के महासचिव ने दी जानकारी
#WATCH | Ayodhya: Regarding the appointment of a new Chief Priest after the demise of the Acharya Satyendra Das, General Secretary of Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra, Champat Rai says, "We had asked Acharya Satyendra Das 6 months ago; there is not be any chief priest now.… pic.twitter.com/yXuQHchDcr
— ANI (@ANI) March 17, 2025
पहचान
कौन थे आचार्य सत्येंद्र दास?
आचार्य सत्येंद्र के नेतृत्व में राम मंदिर की आधारशिला और प्राण प्रतिष्ठा हुई थी।
संतकबीर नगर निवासी आचार्य 50 के दशक में अयोध्या आए और अभिरामदास के शिष्य बन गए। अभिरामदास ने ही 1949 में रामलला मूर्तियां प्रकट होने का दावा किया था।
उन्होंने 1975 में संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री ली और संस्कृत के शिक्षक बने।
आचार्य सत्येंद्र, रामविलास वेदांती, हनुमान गढ़ी के संत धर्मदास तीनों गुरुभाई हैं।
उनका 12 फरवरी को लखनऊ PGI में निधन हुआ था।