UGC-NET जून 2024 परीक्षा हुई रद्द, कल ही देशभर में हुआ था आयोजन
देशभर में जारी राष्ट्रीय प्रवेश सह-पात्रता परीक्षा (NEET) विवाद के बीच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने UGC-NET जून 2024 की परीक्षा को रद्द कर दिया है। यह जानकारी शिक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई है। इस परीक्षा का आयोजन कल (18 जून) ही देशभर में किया गया था। इस परीक्षा को रद्द करने का कारण परीक्षा में हुई गड़बड़ी को बताया गया है। इसके साथ ही मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी गई है।
शिक्षा मंत्रालय ने क्या कहा?
मंत्रालय ने कहा, 'सरकार परीक्षाओं की पवित्रता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा मंत्रालय ने गृह मंत्रालय के अधीन भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) से प्राप्त जानकारी के आधार पर निर्णय लिया है कि UGC-NET जून 2024 परीक्षा रद्द कर दी जाए, क्योंकि प्रथम दृष्टया से संकेत मिलता है कि परीक्षा की पवित्रता से समझौता किया गया है। नई परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसके लिए अलग से जानकारी साझा की जाएगी।'
9 लाख से अधिक छात्रों ने दी थी UGC-NET परीक्षा
UGC-NET की परीक्षा मंगलवार को देशभर के 1,205 परीक्षा केन्द्रो पर दो पालियों में आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के लिए 11 लाख से अधिक उम्मीदवारों में पंजीकरण करवाया था, वहीं 9 लाख से अधिक छात्र परीक्षा में उपस्थित हुए थे। बता दें, यह परीक्षा विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर पदों के लिए और जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए पात्रता निर्धारित करने के लिए आयोजित की जाती है।
NEET के बारे में कही ये बात
मंत्रालय ने NEET (UG) परीक्षा 2024 से संबंधित मामले में कहा कि ग्रेस अंकों से संबंधित मुद्दे को पहले ही सुलझा लिया गया है। पटना में परीक्षा के संचालन में कथित कुछ अनियमितताओं के संबंध में आर्थिक अपराध इकाई, बिहार पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। इस रिपोर्ट के मिलने पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी। मंत्रालय ने कहा कि इस मामले में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति/संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्या है NEET का मामला?
NEET (UG) परीक्षा का आयोजन 5 मई को देशभर में किया गया था। उस दौरान कई फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा गया जो किसी और के स्थान पर परीक्षा देने आए थे। इसके बाद पेपर लीक होने को लेकर हंगामा हुआ। पेपर लीक के आरोपों के बीच NTA ने परीक्षा परिणाम जारी किया, लेकिन इसके बाद विवाद और बढ़ गया। इस बार रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने ऑल इंडिया रैंकिंग (AIR-1) हासिल की थी।
ग्रेस अंक से हुआ और हंगामा
इस बार परीक्षा में किन्ही कारणों से कई छात्रों को लिखने का कम समय मिला था। इसके कारण 1,563 छात्रों को ग्रेस अंक दिए गए जिससे सभी की रैंकिंग पर फर्क पड़ा। इस सभी चीजों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई। फिर इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि परीक्षा में ग्रेस अंक पाने वाले 1,563 छात्रों के ग्रेस अंक हटाए जाएंगे और ये छात्र दोबारा परीक्षा दे सकते हैं।