उदयपुर हत्याकांड: NIA को सौंपी गई जांच, अंतरराष्ट्रीय लिंक की भी होगी पड़ताल
उदयपुर में एक टेलर की गर्दन काटकर की गई हत्या के मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) करेगी। केंद्र सरकार ने बुधवार को एजेंसी से इस मामले की जांच अपने हाथ में लेने को कहा है। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस घटना में शामिल किसी भी संगठन या अंतरराष्ट्रीय लिंक की विस्तार से जांच की जाएगी। इसके लिए NIA की एक टीम को उदयपुर रवाना कर दिया गया है।
मंगलवार को हुई थी टेलर की हत्या
मंगलवार को उदयुपर में कन्हैयालाल तेली नामक टेलर की गर्दन काटकर हत्या कर दी गई थी। हमलावर कपड़े सिलवाने के बहाने दुकान पर आए थे और कैमरे के सामने इस दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम दिया। हमलावरों की पहचान मोहम्मद रियाज अंसारी और गौस मोहम्मद के तौर पर हुई है। पुलिस ने फिलहाल दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी राजनीतिक दलों ने इस घटना की निंदा करते हुए आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की मांग की है।
आतंकी हमला समझकर होगी जांच
सूत्रों के अनुसार, इस घटना को आतंकी हमला समझकर जांच की जाएगी। माना जा रहा है कि जिस तरफ हमलावरों ने हत्या का वीडियो बनाया, वीडियो में हत्या की जिम्मेदारी ली और उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की धमकी दी, यह सोची-समझी साजिश का नतीजा है। अधिकारियों ने बताया कि NIA को इस मामले की जांच सौंपने के पीछे की एक वजह प्रधानमंत्री मोदी को मिली धमकी भी है।
मुख्यमंत्री ने भी कही अंतरराष्ट्रीय लिंक की जांच की बात
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि इस हत्या के पीछे कोई अंतरराष्ट्रीय लिंक है या नहीं, इसकी जांच की जाएगी। मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की विशेष जांच टीम (SIT) ने कल से ही काम शुरू कर दिया है। जांच में ही यह खुलासा हो सकेगा कि यह किसका षड्यंत्र था, किससे लिंक है, राष्ट्रीय या अतंरराष्ट्रीय कोई ऐसी एजेंसी है, क्या जिससे लिंक है।
FIR में जोड़ी जाएंगी आतंकवाद की धाराएं
सूत्रों के अनुसार, स्थानीय पुलिस ने FIR में आतंकवाद की धाराएं नहीं जोड़ी हैं, लेकिन आगे की जांच के लिए आतंकवाद की धाराएं जोड़ी जाएंगी। पुलिस हमलावरों के फोन का साइबर फॉरेंसिक एनालिसिस भी कर रही है।
पाकिस्तानी संगठन का नाम आ रहा सामने
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, शुरुआती जांच में सामने आया है कि उदयपुर में हुई जघन्य घटना को अंजाम देने वाले हमलावरों के कराची स्थित सुन्नी इस्लामिक संगठन दावत-ए-इस्लामी से लिंक हैं। यह पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक से संबंधित हैं। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ से पता चला है कि दोनों आरोपी सुन्नी इस्लाम के सूफी-बरेलवी संप्रदाय से जुड़े हैं और इनके दावत-ए-इस्लामी के साथ करीबी संबंध हैं। यह संगठन पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून का समर्थन करता है।