तिरुपति लड्डू विवाद: अमूल ने झूठी जानकारी देने पर एक्स यूजर्स के खिलाफ दर्ज कराया मामला
क्या है खबर?
अमूल ब्रांड नाम के तहत दूध और डेयरी उत्पादों का विपणन करने वाले गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (GCIMMF) ने तिरूपति मंदिर के प्रसादम (लड्डू) को बनाने वाले घी में जानवर की चर्बी मिले होने के मामले में झूठे जानकारी प्रसारित करने को लेकर एक्स यूजर्स के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
GCIMMF ने यह FIR अहमदाबाद स्थित साइबर क्राइम शाखा में दर्ज कराई है। पुलिस ने अब इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
मामला
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, तिरुपति मंदिर के लड्डुओं को बनाने में घटिया सामग्री के साथ पशु वसा का इस्तेमाल किए जाने का विवाद सामने अपने पर कुछ एक्स यूजर्स ने दावा किया कि लड्डू के लिए घी अमूल द्वारा आपूर्ति किया गया था।
इस सूचना के तेजी से प्रसारित होने के बाद अमूल ने सोशल मीडिया पर सार्वजनिक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि कंपनी तिरुपति लड्डू विवाद में शामिल नहीं है और उसने मंदिर को कोई उत्पाद की आपूर्ति नहीं की है।
शिकायत
GCIMMF ने अब दर्ज कराई FIR
GCIMMF ने शनिवार को साइबर क्राइम ब्रांच में मामला भी दर्ज कराया है।
इसमें आरोप लगाया गया है कि अमूल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए तिरूपति मंदिर के लड्डू विवाद में उसे घसीटते हुए गलत सूचना फैलाई जा रही है।
यह कदम देशभर में कंपनी की साख खराब कर सकता है। ऐसे में इस तरह की झूठी जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। गुजरात पुलिस अब मामले की जांच कर रही है।
बयान
GCIMMF के प्रबंध निदेशक ने जारी किया बयान
इस मामले में GCIMMF के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने कहा, "सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ लोगों का दावा है कि तिरूपति मंदिर में बनाए जाने वाले लड्डू के लिए घी अमूल द्वारा आपूर्ति किया गया था। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि अमूल ने कभी भी तिरुपति देवस्थानम को घी की आपूर्ति नहीं की है।"
उन्होंने कहा, "अमूल को इस विवाद में घसीटने और इसकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने वालों के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है।"
विवाद
क्या है तिरूपति मंदिर में लड्डू का विवाद?
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पहले तिरूपति मंदिर के प्रसादम में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होने की बात कहकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।
उन्होंने YSR कांग्रेस पार्टी की सरकार पर प्रसादम की गुणवत्ता से समझौता करने का आरोप लगाया था।
मामले में गुजरात की एक प्रयोगशाला की रिपोर्ट भी सामने आई है, जिससे विवाद बढ़ गया है। तिरूपति मंदिर ने 4 सदस्यीय डेयरी विशेषज्ञों की जांच समिति गठित की है।