
गोपाल खेमका हत्याकांड के आरोपी का बड़ा खुलासा, कहा- मजबूरी में दिया वारदात को अंजाम
क्या है खबर?
बिहार की राजधानी पटना में व्यवसायी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले में गिरफ्तार किए गए शूटर उमेश यादव ने पुलिस पूछताछ में वारदात को लेकर कई अहम खुलासे किए हैं। यादव ने पुलिस को बताया कि उसने आर्थिक तंगी के कारण मजबूरी में खेमका की हत्या की थी। अपने कबूलनामे के बावजूद उसने अपराध में शामिल किसी भी साथी का नाम बताने से इनकार कर दिया। पुलिस अब उनका पता लगाने में जुट गई है।
योजना
बिहार में अशोक साव के साथ बनाई थी वारदात की योजना
यादव ने पुलिस को बताया कि वह वारदात के मास्टरमाइंड बिल्डर अशोक कुमार साव को करीब डेढ़ साल से जानता है और आखिरी बार उससे डेढ़ महीने पहले बिहार शरीफ में मिला था। उसी दौरान उन्होंने खेमका की हत्या की योजना बनाई थी। हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार के बारे में यादव ने कहा कि उसे उसका स्रोत पता नहीं है, लेकिन उसने विकास नाम के एक व्यक्ति को हथियार मुहैया कराने के लिए पैसे दिए थे।
सूची
पुलिस तैयार कर रही है संदिग्धों की सूची
पुलिस अब यादव से 200 सवालों की सूची बनाकर गहन जांच कर रही है। वह हत्या से जुड़े अन्य संदिग्धों की पहचान और गिरफ्तारी करने का भी प्रयास कर रही है। वारदात के मास्टरमाइंड साव और यादव दोनों फिलहाल आगे की पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर हैं। दिलचस्प बात यह है कि यह मामला खेमका के बेटे गुंजन की 2018 में हुई हत्या जैसा ही है। उनके बेटे की हत्या भी व्यावसायिक विवादों के कारण ही हुई थी।
गिरफ्तारी
कैसे हुई थी यादव की गिरफ्तारी?
7 जुलाई को बेऊर जेल में बंद कुख्यात आरोपी अजय वर्मा से पूछताछ करने गई पुलिस को यादव को लेकर अहम जानकारी हाथ लगी थी। उसके बाद पुलिस ने दबिश देकर यादव को उसके घर से दबोच लिया था। पुलिस ने उसके पास से हत्या में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल और पिस्तौल, 80 जिंदा कारतूस, 2 मोबाइल फोन और एक लाख रुपये नकद समेत अहम सबूत बरामद किए थे। पूछताछ में उसने ही साव को वारदात का मास्टरमाइंड बताया था।
पृष्ठभूमि
आवास के बाहर मारी गई थी खेमका को गोली
व्यवसायी खेमका की 4 जुलाई की रात 11:40 बजे उनके पटना स्थित आवास के बाहर बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के समय खेमका कार में थे, तभी यादव ने नजदीक से गोली चलाई और फरार हो गया। खेमका मगध अस्पताल और कई पेट्रोल पंप के मालिक थे। वे कथित तौर पर भाजपा से जुड़े हुए थे। इस मामले में पुलिस ने अब तक 6 लाेगों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।