तेलंगाना सुरंग हादसा: 5 साल पहले कमजोर चट्टान और जलजमाव की मिली थी चेतावनी- रिपोर्ट
क्या है खबर?
तेलंगाना के नागरकुरनूल में श्रीसैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) की सुरंग धंसने से 8 मजदूर फंस गए हैं। इन्हें बचाने के लिए बीते 11 दिनों से बचाव अभियान जारी है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
इस बीच सुरंग की कमजोर स्थिति को लेकर 5 साल पहले एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी।
ये रिपोर्ट जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के लिए बनाई गई थी, जिसे 2005 में सुरंग बनाने का ठेका मिला था।
चेतावनी
रिपोर्ट में सुरंग को लेकर क्या चेतावनी दी गई थी?
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ये रिपोर्ट जनवरी, 2020 में अम्बर्ग टेक एजी नामक कंपनी ने तैयार की थी।
रिपोर्ट में कहा गया था कि सुरंग के मुहाने से 13.88 किलोमीटर और 13.91 किलोमीटर के बीच एक फॉल्ट जोन है, जहां चट्टान कमजोर हो सकती है और पानी भरा हो सकता है।
रिपोर्ट में इस क्षेत्र के बारे में चेतावनी दी गई थी कि यहां चट्टानों की कठोरता में कमी है और पानी भरा हुआ है।
हिस्सा
जिस हिस्से की चेतावनी दी गई थी, वहीं धंसी सुरंग
बचावकर्मियों के मुताबिक, सुरंग का वही हिस्सा गिरा है, जिसके बारे में रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी।
बचाव अभियान में शामिल एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "फॉल्ट जोन के आसपास की करीब 3 मीटर छत गिर गई। बार-बार पानी भरने की वजह से राहत कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। 13.5 किलोमीटर जाने के बाद भी बचाव अभियान जारी है। टनल बोरिंग मशीन फंसी हुई है और मजदूरों का कोई पता नहीं चल रहा।"
अध्ययन
एक अध्ययन में भी दी गई थी चेतावनी
2020 में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के पूर्व महानिदेशक मंडपल्ली राजू और जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के भूविज्ञानी ऋतुराज देशमुख ने भी एक अध्ययन में सुरंग से जुड़ी खामियों को उजागर किया था।
उन्होंने पाया था कि सुरंग का निर्माण बिना जांच-पड़ताल के शुरू कर दिया गया था।
चूंकि, सुरंग टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट के अंतर्गत आती है, इसलिए यहां खुदाई और दूसरी जांच की अनुमति नहीं थी, जिससे निर्माण से पहले की जरूरी जानकारी नहीं मिल पाई।
अभियान
अब तक बचाव अभियान में बड़ी सफलता नहीं
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिय बल (SDRF), रैट माइनर, रेलवे, नौसेना समेत कई एजेंसियां बचाव अभियान में जुटी हुई है, लेकिन अभी तक मजदूरों को कोई पता नहीं चला है।
कीचड़, पानी और फंसे हुई बोरिंग मशीन ने परेशानियां बढ़ा दी हैं।
अब केरल पुलिस के 'शव खोजी कुत्ते' भी अभियान में शामिल किए गए हैं।
हैदराबाद की एक रोबोटिक्स कंपनी से भी सुरंग के अंदर रोबोट भेजने को लेकर चर्चा हो रही है।
हादसा
22 फरवरी को हुआ था हादसा
22 फरवरी को डोमलापेंटा के पास SLBC सुरंग की छत का लगभग 3 मीटर का हिस्सा ढह गया था। घटना के वक्त करीब 50 मजदूर सुरंग में काम कर रहे थे, जिनमें से 8 फंस गए थे।
इसके बाद तेलंगाना के आबकारी मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने कहा था कि 8 में से 4 लोगों का पता लगा लिया गया है, लेकिन उनके बचने की संभावना केवल एक प्रतिशत है।