दुबई एयर शो में तेजस विमान दुर्घटनाग्रस्त, जानें इन विमानों की खासियत और अहम बातें
क्या है खबर?
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के दुबई में चल रहे एयर शो के दौरान भारतीय वायुसेना का तेजस लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इस हादसे में पायलट की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि ये हादसा एयर शो में एक डेमो उड़ान के दौरान हुआ, जिसका वीडियो भी सामने आया है। वायुसेना ने कहा कि वो मामले की जांच कर रही है। आइए तेजस विमान से जुड़ी खास बातें जानते हैं।
पहली उड़ान
2001 में तेजस ने भरी थी पहली उड़ान
1983 में भारतीय वायुसेना में लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (LCA) शामिल करने की योजना शुरू की गई थी। इसी के तहत हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (HAL) ने तेजस का निर्माण किया है। इस विमान ने साल 2001 में अपनी पहली उड़ान भरी थी। इसके सिंगल सीटर और ट्विन सीटर वैरिएंट हैं, जिनका इस्तेमाल वायुसेना के साथ नौसेना भी करती है। ये आधुनिक और बहु-भूमिका वाला स्वदेशी 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान सेना में कई अहम भूमिका निभा रहा है।
खासियत
क्या है तेजस विमानों की खासियत?
6,500 किलोग्राम वजनी ये विमान एक बार में 3,000 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। इसमें फ्लाई-बाई-वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल इंस्ट्रूमेंट और पल्स-डोपलर मल्टी-मोड रडार लगी है, जो हवा से हवा और हवा से जमीन तक प्रभावी तरीके से काम कर सकती है। इसका रडार एक साथ 10 लक्ष्यों को ट्रैक कर उन पर निशाना साधने में सक्षम है। इसमें हवा में ही ईंधन भरा जा सकता है।
मार्क1A
तेजस के मार्क 1A संस्करण पर भी हो रहा काम
HAL तेजस के मार्क-1A संस्करण पर भी काम कर रहा है। इसमें नया एवियोनिक सूट, यूनिफाइड इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट (UEWS), सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर (SPJ), ऑनबोर्ड ऑक्सीजन जेनरेशन सिस्टम (OOGS) जैसी तकनीक शामिल हैं। इसके अलावा इन्हें बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल (BVRAAM) और एंडवांस्ड शॉर्ट रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (ASRAAM) से लैस किया जा सकता है। इसके विंग्स (पंख) में 9 जगहों पर अलग-अलग हथियार लगाए जा सकते हैं। मार्क-1A के 65 प्रतिशत से ज्यादा उपकरण भारत में ही बने हैं।
दुर्घटना
अब तक 2 तेजस विमान हादसे का शिकार
स्वदेशी तेजस विमान अब तक 2 बार हादसे का शिकार हुआ है। इससे पहले मार्च, 2024 में राजस्थान के पोकरण में 'भारत शक्ति' युद्धाभ्यास के दौरान एक तेजस विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। तब फायरिंग रेंज में प्रदर्शन के केवल 10 मिनट बाद ही विमान के इंजन में तकनीकी खराबी आ गई थी। हालांकि, तब विमान उड़ा रहे पायलट ने खुद को पैराशूट के जरिए सुरक्षित तरीके से बाहर निकाल लिया था।