
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली NCR में डीजल-पेट्रोल के पुराने वाहन मालिकों पर कार्रवाई पर रोक लगाई
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली-NCR में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के मालिकों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई, के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह अंतरिम आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने दिल्ली सरकार द्वारा दायर समीक्षा याचिका पर भी नोटिस जारी किया है।
आदेश
4 सप्ताह बाद होगी सुनवाई
कोर्ट ने दिल्ली सरकार की याचिका पर नोटिस जारी करने का आदेश देते हुए कहा कि वह 4 सप्ताह के बाद मामले की सुनवाई करेगा। दिल्ली सरकार की याचिका में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर 2018 के प्रतिबंध पर पुनर्विचार करने की मांग की गई है। सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उक्त वाहनों पर प्रतिबंध हटाना चाहिए, क्योंकि पुलिस पर ऐसे वाहनों को जब्त करने का दबाव होगा।
विवाद
क्या है पुराने वाहनों को बंद करने का मामला?
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने 2015 के एक आदेश में कहा कि पुराने पेट्रोल-डीजल वाहनों को दिल्ली में चलने या ईंधन भरने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली-NCR में गंभीर वायु प्रदूषण के कारण 2018 में इस फैसले का समर्थन किया। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ईंधन स्टेशनों से कहा कि वे 1 जुलाई, 2025 से इन वाहनों को पेट्रोल-डीजल न दें। हालांकि, भारी विरोध के दो दिन बाद सरकार ने फैसला वापस लिया।