न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने ली CJI पद की शपथ, 14 महीने का होगा कार्यकाल
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत आज शपथ लेकर भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) बन गए हैं। उन्होंने न्यायमूर्ति बीआर गवई की जगह ली, जो रविवार शाम को सेवानिवृत्त हुए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति कांत को राष्ट्रपति भवन में औपचारिक कार्यक्रम में CJI पद की शपथ दिलाई। उनको राष्ट्रपति ने हिंदी में शपथ दिलाई, जबकि अधिकतर CJI ने अंग्रेजी में शपथ लेते हैं। उनका कार्यकाल 24 नवंबर, 2025 से प्रभावी होगा और 9 फरवरी, 2027 तक जारी रहेगा।
खास
पूर्व CJI ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत को गले लगाया
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाया। जब वे पहली पंक्ति में बैठे अतिथियों का अभिवादन स्वीकार करने गए तो पूर्व CJI गवई ने उनको गले लगा लिया। न्यायमूर्ति कांत ने अपने बुजुर्गों का पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया। शपथ में भूटान, केन्या, मलेशिया, नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस और ब्राजील सहित कई देशों के मुख्य न्यायाधीश मौजूद रहे। ऐसा पहली था, जब किसी CJI के शपथ ग्रहण में दूसरे देशों का न्यायिक प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहा।
पदभार
कोर्ट में लाखों मामलों का बोझ कम करना रहेगी प्राथमिकता
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने शनिवार को दिल्ली स्थित अपने आवास पर कानूनी पत्रकारों के समूह को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि उनका प्रमुख ध्यान देश की अदालतों में लंबित मामलों की भारी संख्या को कम करने पर होगा। उन्होंने वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र, मध्यस्थता को एक क्रांतिकारी कदम बताया, जो वादियों को अदालत के बाहर तेजी से समाधान दिलाने में सक्षम है। उन्होंने कहा था कि मध्यस्थता को भी प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।
फैसले
कई अहम फैसलों वाली पीठ में शामिल रहे हैं न्यायमूर्ति सूर्यकांत
न्यायमूर्ति सूर्यकांत कई अहम फैसले सुनाने वाली संवैधानिक पीठों का हिस्सा रहे हैं, जिसमें संवैधानिक, मानवाधिकार और प्रशासन से जुड़े 1,000 से ज्यादा फैसले हैं। वह अनुच्छेद-370 को हटाने वाले फैसले, पेगासस जासूसी मामले में साइबर विशेषज्ञों का पैनल बनाने वाले फैसले, औपनिवेशिक काल के 'देशद्रोह कानून' को स्थगित करने वाले फैसले और वन रैंक-वन पेंशन (OROP) स्कीम को संवैधानिक रूप से सही ठहराने वाले फैसलों में शामिल रहे हैं।
पहचान
कौन हैं न्यायमूर्ति सूर्यकांत?
हरियाणा के हिसार में 10 फरवरी, 1962 को एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्में जस्टिस सूर्यकांत ने 1981 में हिसार के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय से स्नातक किया था। उन्होंने 1984 में रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की और इसके बाद 1984 में हिसार जिला न्यायालय में वकालत शुरू कर दी। 1985 में वह पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट आ गए। मार्च 2001 में वे वरिष्ठ अधिवक्ता बने। मई 2019 में उनको सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया था।
ट्विटर पोस्ट
शपथ ग्रहण समारोह
LIVE: Swearing-in-Ceremony of the Chief Justice of India Shri Justice Surya Kant at Rashtrapati Bhavan https://t.co/EZGbzgCbig
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 24, 2025