सुप्रीम कोर्ट ने 23 साल पुराने हत्या के मामले में गुरमीत राम रहीम को नोटिस भेजा
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने सिरसा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की रिहाई को चुनौती देने वाली एक याचिका पर नोटिस जारी किया है।
याचिका में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है, जिसने मई 2024 में राम रहीम को 23 साल पुराने हत्या के मामले में बरी कर दिया था।
नोटिस भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने जारी किया है।
नोटिस
हाई कोर्ट ने पलटा था CBI का फैसला
2021 में CBI की विशेष अदालत ने राम रहीम और 4 अन्य को पूर्व डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या में शामिल होने का दोषी ठहराया था।
उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और भारी जुर्माना लगाया। हालांकि, मई 2024 में हाई कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के मामले पर संदेह का हवाला देते हुए दोषसिद्धि को पलट दिया।
राम रहीम के साथ बरी होने वाले अन्य दोषियों में अवतार सिंह, कृष्ण लाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह शामिल हैं।
हत्या
2002 में हुई थी रणजीत सिंह की हत्या
महिला शिष्यों के साथ रेप के आरोप सामने आने के बाद रणजीत सिंह और राम रहीम के बीच विवाद था। शक था कि रणजीत ने खबर बाहर फैलाई है।
इसके बाद 10 जुलाई, 2002 को कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियान गांव में खेतों के पास रणजीत की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
पुलिस जांच से असंतुष्ट सिंह के परिवार ने हाई कोर्ट में CBI जांच की मांग कर याचिका दायर की। CBI ने दिसंबर, 2003 में जांच शुरू की थी।
फैसला
CBI कोर्ट के खिलाफ हाई कोर्ट गया था राम रहीम
राम रहीम ने CBI कोर्ट के सजा के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर की थी, जिसे न्यायमूर्ति सर्वेश्वर ठाकुर और ललित बत्रा की पीठ ने स्वीकार कर लिया था।
उसके बाद मामले में लगातार सुनवाई हो रही थी और कोर्ट ने पर्याप्त सबूतों के अभाव में राम रहीम के साथ अवतार सिंह, कृष्णलाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह को निर्दोष पाया।
आरोपियों में एक इंदर सैन की 2020 में मुकदमे के दौरान मौत हो गई थी।
सजा
उम्रकैद की सजा काट रहा है राम रहीम
महिला शिष्याओं के साथ रेप के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहा राम रहीम फिलहाल रोहतक की सुनारिया जेल में है।
उसे पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा हुई है। पत्रकार रामचंद्र की साल 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
वे लगातार अपने अखबार 'पूरा सच' में डेरा सच्चा सौदा से जुड़े सच दुनिया के सामने लाते रहते थे। शिष्यों के साथ रेप की खबर भी उन्हीं के अखबार में थी।