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सुप्रीम कोर्ट ने परिसर में आवारा कुत्तों को लेकर जारी किया परिपत्र, नहीं डाल सकेंगे भोजन
सुप्रीम कोर्ट ने अपने परिसर में आवारा कुत्तों को लेकर परिपत्र जारी किया है

सुप्रीम कोर्ट ने परिसर में आवारा कुत्तों को लेकर जारी किया परिपत्र, नहीं डाल सकेंगे भोजन

Aug 12, 2025
03:36 pm

क्या है खबर?

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में आवारा कुत्तों को पकड़ने का आदेश देने के एक दिन बाद मंगलवार (12 अगस्त) को अपने परिसर में भी आवारा कुत्तों को लेकर एक परिपत्र जारी किया है। इसके तहत अब सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारी, वकील सहित आने वाले सभी लोग परिसर में आवारा कुत्तों के लिए खुले में भोजन नहीं डाल सकेंगे। कोर्ट ने सभी को सख्ती से आदेश की पालना करने के निर्देश भी दिए हैं।

टिप्पणी

कोर्ट ने क्या की टिप्पणी?

कोर्ट ने कहा, "यह देखा गया है कि न्यायालय परिसर, आसपास के गलियारों और लिफ्ट में आवारा कुत्तों के घूमने की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। इसे रोकने के लिए सबसे पहले बचे हुए भोजन का निपटान सही तरह से करना जरूरी है।" कोर्ट ने कहा, "सभी को बचे हुए खाद्य पदार्थों को केवल उचित रूप से ढके हुए कूड़ेदानों में ही फेंकना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में भोजन को खुले स्थानों या बिना ढके कंटेनरों में नहीं फेंकना चाहिए।"

दलील

सुप्रीम कोर्ट ने क्या दी दलील?

कोर्ट ने आगे कहा, "जानवरों को भोजन की ओर आकर्षित होने और उसे खाने के लिए इधर-उधर भटकने से रोकने के लिए यह उपाय अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिससे आवार कुत्तों के लोगों को काटने का जोखिम काफी कम हो जाता है और स्वच्छता के मानक भी बने रहते हैं।" कोर्ट ने आगे कहा, "इस निर्देश को लागू करने में आपका सहयोग सभी की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। ऐसे में निर्देशों की सख्ती से पालना करें।"

आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने दिए आवारा कुत्तों को पकड़ने के आदेश

इससे पहले गत सोमवार को कोर्ट ने दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम (MCD), नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) और NCR के अन्य प्राधिकरणों को आवारा कुत्तों को तुरंत पकड़ने, उनकी नसबंदी करने और उन्हें स्थायी रूप से आबादी से दूर आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए कि बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सड़कों पर सुरक्षित रहें और उन्हें रेबीज का खतरा न हो।

समय

सुप्रीम कोर्ट ने दिया 8 सप्ताह का समय

कोर्ट ने अधिकारियों को तत्काल कुत्ता आश्रय स्थल स्थापित करने और 8 सप्ताह के भीतर अपेक्षित बुनियादी ढांचे के निर्माण की रिपोर्ट प्रस्तुत करने, कुत्तों के काटने के मामलों की सूचना के लिए एक सप्ताह में हेल्पलाइन नंबर जारी करने और अगले 6 सप्ताह के भीतर कम से कम 5,000 कुत्तों को रखने के लिए काम शुरू करने का आदेश भी दिया था। इसके अलावा, आश्रय स्थलों में पर्याप्त कर्मचारी और CCTV कैमरे लगाने को भी कहा था।

सख्ती

कोर्ट ने कही विरोध करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि आवारा कुत्तों को पकड़ने का विरोध करने वाले संगठनों को अवमानना की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इस आदेश से विवाद खड़ा हो गया। दिल्ली के तमाम पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने इसके विरोध में शाम को इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी। हालांकि, कार्यकर्ताओं के न मानने पर पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर अवमानना की कार्रवाई शुरू कर दी।