शराब नीति मामला: सुप्रीम कोर्ट ने AAP सांसद संजय सिंह को जमानत दी
क्या है खबर?
शराब नीति मामले में जेल में बंद आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के मामले में जमानत दे दी है।
ED ने उनकी जमानत पर कोई आपत्ति नहीं जताई, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत दी।
सिंह मामले में पहले ऐसे AAP नेता हैं, जिन्हें जमानत मिली है।
मामला
क्या है मामला?
दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाले में ED ने 4 अक्टूबर को संजय सिंह को गिरफ्तार किया था। तब से लेकर अभी तक पिछले लगभग 6 महीने से वह तिहाड़ जेल में बंद थे।
वह अपनी जमानत के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट भी गए थे, लेकिन यहां से उन्हें झटका लगा था।
इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की, जिस पर आज सुनवाई हुई।
सुनवाई
आज कोर्ट में क्या हुआ?
सुनवाई के दौरान संजय सिंह के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सरकारी गवाह विजय नायर के पहले 9 बयानों में सिंह का कोई जिक्र नहीं था, लेकिन 10वें बयान में उन पर 2 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया।
उन्होंने कहा कि रिश्वत लेने वाले और देने वाले दोनों ने ही इससे इनकार किया है।
उन्होंने कहा कि सिंह के पास कोई पैसा नहीं मिला और उन्हें गिरफ्तार करने की कोई जरूरत या आधार नहीं था।
आदेश
कोर्ट ने कहा- सिंह से कुछ बरामद नहीं हुआ
सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह तथ्य है कि पहले 10 बयानों तक दिनेश अरोड़ा ने सिंह का नाम नहीं लिया था।
उसने कहा कि कुछ भी नहीं बरामद हुआ, कोई निशान नहीं है।
जब ED ने कहा कि वह जमानत का विरोध नहीं करेगी तो कोर्ट ने सिंह को ट्रायल कोर्ट द्वारा निर्धारित की जाने वाली शर्तों पर जमानत दे दी। वे राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सा ले सकेंगे।
आरोप
सिंह पर क्या आरोप हैं?
ED का आरोप है कि सिंह ने शराब घोटाले के आरोपी व्यापारी दिनेश अरोड़ा से मुलाकात की थी और उनके माध्यम से ही दिनेश मनीष सिसोदिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिले थे।
ED के अनुसार, सिंह ने दिनेश को कई रेस्तरां मालिकों से बात करने को कहा, जिनसे दिल्ली में आगामी चुनावों के लिए पार्टी फंड इकट्ठा करने के लिए 82 लाख रुपये की व्यवस्था की गई।
हालांकि, सिंह इन सभी आरोपों को नकार चुके हैं।
मामला
क्या है शराब नीति से संबंधित मामला?
केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी, जिसमें शराब के ठेके निजी शराब कंपनियों को दिए गए थे।
ED का आरोप है कि शराब कंपनियों और 'दक्षिण समूह' को फायदा पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार ने नीति में बदलाव किए और इसके बदले कंपनियों और 'दक्षिण समूह' ने केजरीवाल की AAP को रिश्वत दी।
दक्षिण समूह के AAP को 100 करोड़ रुपये रिश्वत देने का आरोप है।