सुप्रीम कोर्ट ने संभल हिंसा को लेकर जेल में बंद 4 आरोपियों को जमानत दी
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद सर्वेक्षण के दौरान भड़की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर जेल में बंद 4 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और आर महादेवन की पीठ ने जमानत देते हुए कहा कि आरोपियों को ज्यादा समय जेल में नहीं रख सकते। हालांकि, आरोपियों की रिहाई शर्ते निचली अदालत द्वारा तय की जाएंगी। निचली अदालत और इलाहाबाद हाई कोर्ट में जमानत याचिका खारिज होने पर आरोपी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
जमानत
किस आधार पर मिली जमानत?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस हिंसा की जांच पूरी कर चुकी है और आरोपपत्र भी दायर हो चुका है। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों पर अभी आरोप सिद्ध भी नहीं हुए हैं, ऐसे उनको असीमित समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने जमानत का विरोध किया था, लेकिन कोर्ट ने उनकी दलीलों को नकार दिया। सरकार को आदेश की प्रति मिलते ही आरोपी जेल से बाहर आ जाएंगे।
हिंसा
क्या है संभल हिंसा का मामला?
पिछले साल संभल की स्थानीय कोर्ट में एक याचिका दायर कर दावा किया गया कि यहां जामा मस्जिद के स्थान पर पहले हरिहर मंदिर था। कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर सर्वेक्षण के आदेश दे दिए। इसके बाद 24 नवंबर, 2024 को सुबह 7:30 बजे वकील और कमिश्नर सर्वेक्षण के लिए पहुंचे। तभी मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और हंगामा शुरू हो गया। इसके बाद भड़की हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए थे।