उमर खालिद और शरजील इमाम की जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकारा
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 2020 में हुए दंगों को लेकर जेल में बंद उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा और मीरान हैदर की जमानत याचिकाओं पर जवाब न देने पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने सोमवार को कहा कि उसने दिल्ली पुलिस को याचिकाओं का जवाब देने के लिए पर्याप्त समय दिया है। दिल्ली पुलिस ने आरोपियों की अपीलों पर जवाब देने के लिए अधिक समय मांगा था।
याचिका
कोर्ट ने क्या कहा?
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने आरोपियों द्वारा दायर अपीलों का जवाब देने के लिए अधिक समय मांगा था, जिस पर कोर्ट ने कहा, "हमने यह स्पष्ट कर दिया है। आप पहली बार पेश हो रहे हैं। हमने पर्याप्त समय दिया है।" कोर्ट ने कहा, "शुक्रवार को, आप सुनिश्चित करें कि आपको उचित निर्देश मिले...हम सुनेंगे। देखिए, क्या आप कर सकते हैं। यह सिर्फ जमानत पर विचार करने की बात है। देखिए, 5 साल तो पूरे हो ही गए हैं।"
जमानत
दिल्ली हाई कोर्ट के जमानत न देने पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे आरोपी
दिल्ली हाई कोर्ट ने सितंबर में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्रों उमर खालिद और शरजील इमाम समेत 9 अन्य आरोपी को जमानत देने से इंकार कर दिया था। कोर्ट ने गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के मामले में सभी अपीलों को खारिज किया था। इसके बाद खालिद और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख किया था, जिसको लेकर 22 सितंबर को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया गया था।
मामला
क्या है दिल्ली दंगा मामला?
वर्ष 2020 में 23 से 26 फरवरी के बीच उत्तर-पूर्व दिल्ली में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इसमें करीब 53 लोग मारे गए और 700 घायल हुए थे। कई दुकानें और घर भी जला दिए गए और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ। अब तक दर्ज 695 मामलों में 109 में फैसले सुनाए जा चुके हैं। खालिद और अन्य पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।