ED के सामने आत्मसमर्पण करने की चिदंबरम की याचिका खारिज, तिहाड़ जेल में ही रहेंगे

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की स्पेशल कोर्ट ने INX मीडिया केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने आत्मसमर्पण करने की पी चिदंबरम की याचिका को खारिज कर दिया है। कल ED ने कोर्ट से कहा था कि उसे फिलहाल पूछताछ के लिए चिदंबरम की कस्टडी नहीं चाहिेए। इसके आधार पर आज कोर्ट ने चिदंबरम की याचिका खारिज कर दी। इस फैसले के बाद चिदंबरम को 19 सितंबर तक तिहाड़ जेल में रहना पड़ेगा।
तिहाड़ जेल से बाहर निकलने का रास्ता खोज रहे चिदंबरम ने दिल्ली के राउज एवेन्यू स्थित स्पेशल CBI कोर्ट में ED के सामने आत्मसमर्पण की याचिका दायर की थी। ED के सामने आत्मसमर्पण करने के बाद चिदंबरम को तिहाड़ जेल में नहीं रहना पड़ता और वह ED की कस्टडी में रहते। लेकिन सुनवाई के दौरान ED ने कहा कि उसे अभी चिदंबरम की कस्टडी नहीं चाहिए और जांच आरोपी के हिसाब से नहीं चल सकती।
ED ने कहा था कि जब तक चिदंबरम न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं, तब तक सबूतों से छेड़छाड़ का कोई खतरा नहीं है और जब भी उसे पूछताछ के लिए चिदंबरम की कस्टडी की जरूरत होगी, वह कोर्ट को सूचित करेगी।
चिदंबरम के पक्ष ने ED का ये कहते हुए विरोध किया था कि एजेंसी उन्हें 20 अगस्त को गिरफ्तार करना चाहती है और उसका मकसद चिदंबरम को लंबे समय तक तिहाड़ जेल में रखना है। उन्होंने दलील दी कि आरोपी के पास कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण करने का अधिकार है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद स्पेशल जज अजय कुमार ने चिदंबरम की याचिका खारिज कर दी। अब उन्हें 19 सितंबर तक तिहाड़ जेल में रहना पड़ेगा।
INX मीडिया केस में चिदंबरम पर पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के INX मीडिया समूह को नियमों के विरुद्ध विदेश से 305 करोड़ रुपये का फंड हासिल करने में सहायता करने का आरोप है। मामला 2007 का है और तब चिदंबरम वित्त मंत्री थे। INX मीडिया को विदेशी फंड हासिल करने की मंजूरी देने के FIPB के सहमति प्रस्ताव पर चिदंबरम ने हस्ताक्षर किए थे। उनके बेटे कार्ति चिदंबरम भी इस मामले में जेल जा चुके हैं।
मामले में चिदंबरम पर CBI और ED में दो अलग-अलग जांच चल रही हैं। CBI ने अपने मामले में चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था और 5 सितंबर तक वह उसकी कस्टडी में रहे। वहीं ED मामले में 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अग्रिम जमानत की उनकी याचिका खारिज कर दी और ED के उन्हें गिरफ्तार करने से रोक हटा दी। इसी कारण से चिदंबरम ने ED के सामने आत्मसमर्पण की पेशकश की थी।
5 सितंबर को न्यायिक हिरासत को लेकर CBI कोर्ट में हुई सुनवाई के समय भी चिदंबरम ने ED के सामने आत्मसमर्पण करने का प्रस्ताव रखा था, ताकि उन्हें तिहाड़ जेल न जाना पड़े। लेकिन कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया। मामले में जमानत के लिए चिदंबरम ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर कोर्ट ने CBI को सात दिन के अंदर इस पर जवाब देने का निर्देश दिया है।