
UN में विदेश मंत्री जयशंकर ने नहीं लिया नाम, फिर क्यों भड़क गया पाकिस्तान?
क्या है खबर?
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पाकिस्तान को जमकर सुनाया। उन्होंने आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तान की भूमिका, पहलगाम हमला और फंडिंग को लेकर पड़ोसी देश को खूब सुनाया। साथ ही उन्होंने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भारत के रुख को भी दुनिया के सामने रखा। हालांकि, जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, इसके बावजूद वो तिलमिला गया। अब भारत ने फिर पाकिस्तान को घेरा है।
पाकिस्तान
विदेश मंत्री ने नहीं लिया नाम, फिर भी भड़का पाकिस्तान
UNGA में जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, "बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हमलों के तार उसी देश से जुड़े होते हैं।" उन्होंने पड़ोसी देश को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बताते हुए कहा कि भारत आजादी के बाद से ही आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है। इसके बाद उत्तर देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने भारत पर आतंकवाद के बारे में दुर्भावनापूर्ण आरोपों के साथ पाकिस्तान को बदनाम करने की कोशिश का आरोप लगाया।
बयान
भारत बोला- पाकिस्तान ने जवाब देकर भूमिका स्वीकार की
पाकिस्तान के जवाब देने के अधिकार के जवाब में भारत ने कहा, "यह बताता है कि एक पड़ोसी, जिसका नाम नहीं लिया गया था, ने जवाब देने और सीमा पार आतंकवाद की अपनी दीर्घकालिक गतिविधि को स्वीकार करने का विकल्प चुना।" UN में भारत के स्थायी मिशन में सचिव रेंतला श्रीनिवास ने कहा, "आतंकवाद में पाकिस्तान की छाप कई भौगोलिक क्षेत्रों में दिखाई देती है। यह न सिर्फ अपने पड़ोसियों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक ख़तरा है।"
विदेश मंत्री
UN में विदेश मंत्री ने क्या कहा था?
UNGA में जयशंकर ने कहा, "हमारे अधिकारों की रक्षा करते हुए हमें खतरों का भी डटकर सामना करना होगा। आतंकवाद का मुकाबला हमारी प्राथमिकता है, क्योंकि यह कट्टरता, हिंसा, असहिष्णुता और भय का प्रतीक है। भारत आजादी के बाद से इस चुनौती का सामना कर रहा है, क्योंकि उसका एक पड़ोसी वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है।" उन्होंने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि यह सीमा-पार आतंकवाद का ताजा उदाहरण है, जिसमें निर्दोष पर्यटकों की हत्या की गई।
अन्य मुद्दे
जयशंकर की संबोधन की बड़ी बातें
जयशंकर ने बताया कि भारत ने हाल के भूकंपों के दौरान अफगानिस्तान और म्यांमार जैसे पड़ोसियों की मदद की है। जयशंकर ने चेतावनी दी कि जो देश आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले राष्ट्रों को छूट देंगे, आखिर में वही आतंकवाद उनके लिए भी खतरा बनकर लौटेगा। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद एक साझा खतरा है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग का होना जरूरी है। इसके अलावा उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और टैरिफ समेत कई मुद्दों पर संबोधित किया।
UNSC
जयशंकर ने UNSC में सुधार का मुद्दा भी उठाया
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में तत्काल सुधार की मांग की। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद की स्थायी और अस्थायी दोनों सदस्यता का विस्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "UN के सदस्य 4 गुना बढ़ गए हैं और संगठन का काम और दायरा भी बहुत बढ़ गया है। हम चाहते हैं कि अब स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़नी चाहिए। भारत अब संगठन में बड़ी जिम्मेदारियां संभालने के लिए तैयार है।"