व्लादिमीर पुतिन ने भारत को छोटे परमाणु रिएक्टर तकनीक की पेशकश की, क्या है इसका फायदा?
क्या है खबर?
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत को छोटे परमाणु रिएक्टर तकनीक की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि भारत और रूस छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर, फ्लोटिंग न्यूक्लियर प्लांट, औषधि और कृषि सहित परमाणु तकनीक के नॉन-एनर्जी इस्तेमाल पर बात कर रहे हैं। रूस पहले से ही तमिलनाडु के कुडनकुलम में भारत का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने के लिए एक फ्लैगशिप प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।
तकनीक
क्या है छोटा मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टर?
छोटे मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टर का काम भी वही रूसी कंपनी रोसाटॉम देखेगी, जो पहले से ही कुडनकुलम परमाणु प्लांट का काम देख रही है। इससे भारत-रूस के बीच नागरिक परमाणु सहयोग को मजबूती मिलेगी क्योंकि रूस छोटे न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने में सक्षम है। यह उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं, जहां बड़े प्लांट्स नहीं लग सकते। इनका निर्माण जल्दी और सस्ता होता है। इन्हें फैक्ट्री में पूर्व-निर्मित मॉड्यूल्स के रूप में बनाकर साइट पर जोड़ सकते हैं।
फायदा
क्या होगा फायदा?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छोटे मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टर कम लागत वाले होंगे और समय की बचत करेंगे। साथ ही ग्रिड विस्तार दूर-दराज इलाकों में हो सकेगा। यह कार्बन-मुक्त बेसलोड पावर प्रदान करती हैं, जिससे कोयले पर निर्भरता घटेगी। यह परमाणु आपूर्ति चेन को भी मजबूत कर सकता है। बता दें कि न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) भी स्वदेशी छोटे मॉड्यूल रिएक्टर पर काम कर रही है, लेकिन रूस के साथ सहयोग इसमें तेजी लाएगा।