RSS ने जातिगत जनगणना का किया समर्थन, कहा- चुनावी उद्देश्य के लिए न हो इस्तेमाल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने केरल में आयोजित अखिल भारतीय समन्वय बैठक में जातिगत जनगणना का समर्थन किया। हालांकि, इसको लेकर कुछ जरूरी शर्त भी रखी। RSS के मुख्य प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार को आंकड़े के उद्देश्य से इसे (जातिगत जनगणना) करवाना चाहिए। उन्होंने बताया कि जातिगत प्रतिक्रियाएं समाज में एक संवेदनशील मुद्दा हैं और वे राष्ट्रीय एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, इसका इस्तेमाल चुनावी उद्देश्यों के लिए नहीं होना चाहिए।
बैठक में हुई इस मुद्दे पर चर्चा
आंबेकर ने बताया कि हाल में जातिगत जनगणना को लेकर जो चर्चा फिर से शुरू हुई है, उसको लेकर बैठक में हमारा मानना है कि इसका इस्तेमाल समाज की समग्र प्रगति के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि बैठक में जातिगत जनगणना के अलावा पश्चिम बंगाल की घटना पर भी चर्चा हुई, जिसमें राय रखी गई कि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए तेजी से सुनवाई हो। इसके अलावा वक्फ मुद्दे पर भी चर्चा की गई।
31 अगस्त से 2 सितंबर तक चली बैठक
बैठक का आयोजन केरल के पलक्कड़ में 31 अगस्त से 2 सितंबर तक हुआ। इस दौरान राष्ट्रीय मुद्दों और मौजूदा मुद्दों पर मंथन किया गया। बैठक का समापन सोमवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत के भाषण के बाद शाम को होगा। बता दें कि पिछले साल दिसंबर में विवाद के बीच RSS ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि वह जाति जनगणना के विरोध में नहीं है। हालांकि, विदर्भ के एक RSS पदाधिकारी ने इसका विरोध किया था।