G-20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज में भूपेश बघेल के शामिल नहीं होने पर विवाद, जानें मामला
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिल्ली में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज में शामिल नहीं होने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, बघेल ने दिल्ली और उसके आसपास हवाई प्रतिबंधों का हवाला देते हुए रात्रिभोज में शामिल होने से मना कर दिया। हालांकि, केंद्र सरकार ने कहा कि दिल्ली में उच्च स्तर का हवाई सुरक्षा कवर होने के बावजूद राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों के विमानों को आवाजाही की अनुमति है।
कैसे हुई विवाद की शुरुआत?
भूपेश बघेल ने शुक्रवार को रायपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि वह दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शामिल नहीं हो पाएंगे। उन्होंने कहा था कि G-20 शिखर सम्मेलन के लिए सुरक्षा इंतजामों के कारण दिल्ली के अंदर और बाहर जाने वाली कोई गैर-निर्धारित उड़ानें मौजूद नहीं हैं। बघेल ने कहा था, "अब तो वहां (दिल्ली) सब नो-फ्लाइंग जोन हो गया, कैसे जाएंगे वहां?"
गृह मंत्रालय ने बघेल के दावे पर क्या कहा?
गृह मंत्रालय ने ट्वीट किया, 'एक समाचार रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने दिल्ली और उसके आसपास हवाई प्रतिबंधों के कारण 9 सितंबर को दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन में रात्रिभोज में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की है।' मंत्रालय ने आगे लिखा, 'राज्यों को स्पष्ट किया गया था कि दिल्ली में 8-11 सितंबर तक उच्च तकनीकी सुरक्षा हवाई कवर तैनात किया गया है, लेकिन राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों के विमानों को आवाजाही की अनुमति है।'
अशोक गहलोत ने भी लगाया था आरोप, मंत्रालय ने दिया जवाब
गृह मंत्रालय ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोप का भी जवाब दिया है। गहलोत ने आरोप लगाया था कि मंत्रालय ने शुक्रवार को उनके हेलीकॉप्टर को उदयपुर से सीकर जाने की अनुमति नहीं दी थी, जिसके कारण उनका कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। मंत्रालय ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री से मिले सभी अनुरोधों को स्वीकार कर लिया गया था और किसी भी अनुरोध को अस्वीकार नहीं किया गया।
खड़गे को निमंत्रण नहीं भेजे जाने पर भी छिड़ा था विवाद
कांग्रेस अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को G-20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज के लिए निमंत्रण न भेजे जाने को लेकर भी केंद्र सरकार पर लगातार निशाना साध रही है। बघेल ने कहा कि खड़गे को निमंत्रण नहीं भेजा जाना लोकतंत्र पर हमला है, जबकि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा था कि केंद्र सरकार की नजर में देश की 60 प्रतिशत जनसंख्या की कोई अहमियत नहीं है।