
मुंबई में कुर्बानी के लिए सोसाइटी में बकरे लाने पर विवाद, जानें पूरा मामला
क्या है खबर?
मुंबई में ईद उल-अजहा (बकरीद) की कुर्बानी के लिए एक सोसाइटी में बकरे लाने पर विवाद खड़ा हो गया है। सोसाइटी में रहने वाले लोगों ने इस पर आपत्ति जताई है और इसे नियमों के विरुद्ध बताया है।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी बुधवार शाम को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) को निर्देश दिया कि किसी भी सोसाइटी में खुले में कुर्बानी की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
विवाद
क्या है सोसाइट से संबंधित मामला?
हाल ही में मुंबई के मीरा रोड पर स्थित एक अन्य सोसाइटी में कुर्बानी के लिए बकरे लाने पर इसमें रहने वाले लोगों के अंदर विवाद छिड़ गया था।
यहां एक मुस्लिम दंपति 2 बकरों को लिफ्ट के जरिए अपने फ्लैट तक लाई थी, जिसका CCTV फुटेज भी सामने आया था।
सोसाइटी के लोगों ने दंपति के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए नारेबाजी की थी और हनुमान चालीसा का पाठ भी किया था।
मामला
पुलिस ने मामले में दर्ज की थी FIR
मुंबई पुलिस ने विवाद बढ़ने के बाद सोसाइटी में बकरे लाने के आरोप में 11 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी।
आरोपी शख्स ने इंडिया टुडे को बताया था कि उनका इरादा बकरों को केवल दो दिनों के लिए अपने घर में रखने का था और सोसाइटी परिसर के अंदर या घर पर उनकी कुर्बानी देने की कोई योजना नहीं थी।
उन्होंने कहा था कि सोसाइटी के लोगों ने उनके साथ जबरदस्ती की।
मामला
एक अन्य सोसाइटी में भी बकरे मिलने की खबर
मुंबई की लैमिंगटन रोड स्थित नथनी हाइट्स सोसाइटी के बेसमेंट से भी करीब 55 बकरे बरामद हुए हैं। सोसाइट में ज्यादातर मुस्लिम रहते हैं और वह इन बकरों को लेकर आए थे।
सोसाइटी में रहने वाले अन्य लोगों ने बकरे बरामद होने पर कड़ा विरोध जताया और मुंबई पुलिस को सूचित कर दिया।
विवाद बढ़ने पर इन सभी बकरों को दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है।
जानकारी
क्या कहते हैं नियम?
बकरीद पर पहले से ही तय किए गए स्थानों पर कुर्बानी दी जा सकती है। इसके लिए पुलिस और प्रशासन की अनुमति लेना अनिवार्य होता है। बकरे के अलावा किसी अन्य प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी नहीं दी जा सकती है।
आवासीय सोसाइटी कुर्बानी के तय स्थानों में नहीं आती हैं, इसलिए सोसाइटी में बकरों की कुर्बानी नहीं दी जा सकती है।
हालांकि, मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि वो सोसाइटी में कुर्बानी नहीं देने वाले थे।
आदेश
हाई कोर्ट ने क्या आदेश दिया?
बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस जीएस कुलकर्णी और जस्टिस जितेंद्र जैन ने अपने आदेश में कहा था कि अगर सोसाइटी में कुर्बानी की अनुमति नहीं दी गई है तो BMC को इसे रोकने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।
नथनी हाइट्स सोसाइटी के निवासी हरेश जैन ने कुर्बानी के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने कहा था कि इससे सोसाइटी में रहने वाले लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।