रोहित वेमुला के 'दलित नहीं' होने वाली पुलिस रिपोर्ट को चुनौती देगा परिवार, क्या है मामला?
हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रहे रोहित वेमुला के परिजनों ने कहा कि वे रोहित के आत्महत्या मामले में तेलंगाना पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को कानूनी रूप से चुनौती देंगे। बता दें कि 3 मई को तेलंगाना पुलिस ने रोहित की आत्महत्या मामले की जांच बंद कर दी थी। पुलिस ने कहा था कि रोहित अनुसूचित जाति (SC) से नहीं थे और अनुमान है कि उन्होंने असली जाति सामने आने के डर से आत्महत्या की थी।
क्या है मामला?
रोहित हैदराबाद विश्वविद्यालय में PhD के छात्र थे। उन्होंने जनवरी, 2016 में आत्महत्या कर ली थी। उनकी मौत के बाद तेलंगाना समेत पूरे देश में विश्वविद्यालयों में दलितों के खिलाफ भेदभाव को लेकर आंदोलन शुरू हो गया था। मामले में भाजपा नेता बंडारू दत्तात्रेय, विधान परिषद के सदस्य एन रामचंदर राव, हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति अप्पा राव और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी।
पुलिस ने जांच रिपोर्ट में क्या कहा?
पुलिस ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा कि जांच में पाया गया कि रोहित को डर था कि उनकी असली जाति की सच्चाई बाहर आ जाएगी क्योंकि वो SC से नहीं आते थे। पुलिस ने ये रिपोर्ट तेलंगाना हाई कोर्ट को सौंपी है, जिसमें कहा गया है कि रोहित को पता था कि उनकी मां ने उन्हें SC का प्रमाण पत्र दिलवाया था और वो इसी प्रमाण पत्र के जरिए अपने शैक्षणिक करियर में आगे बढ़े थे।
पढ़ाई से ज्यादा राजनीति में सक्रिय थे रोहित- पुलिस
पुलिस ने कहा कि सभी प्रयास करने के बाद भी ऐसे सबूत नहीं मिले, जिनसे स्थापित हो सके कि आरोपियों ने रोहित को आत्महत्या के लिए उकसाया। पुलिस ने दावा किया कि रोहित खराब अकादमिक प्रदर्शन के चलते भी तनाव में थे। पुलिस ने कहा, "अगर मृतक के अकादमिक प्रदर्शन पर नजर डालें तो पता चलता है कि वो पढ़ाई से ज्यादा छात्र राजनीति में सक्रिय थे। उन्होंने पहली PhD शुरू होने के 2 साल में बंद कर दी थी।"
पुलिस रिपोर्ट पर रोहित के परिजनों ने क्या कहा?
रोहित वेमुला के भाई राजा वेमुला ने कहा कि तेलंगाना हाई कोर्ट ने उन्हें निचली कोर्ट में 'विरोध याचिका' दायर करने का विकल्प दिया है। उन्होंने कहा कि वह और परिवार के अन्य सदस्य तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी से मिलने की योजना बना रहे हैं। राजा ने कहा, "रोहित SC समुदाय से था या नहीं, यह आंध्र प्रदेश के गुंटूर के जिला कलेक्टर बताएंगे, पुलिस कैसे कह सकती है कि वह SC नहीं था?"
मामले की और जांच करेगी पुलिस
तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक (DGP) ने कहा, "मृतक रोहित वेमुला की मां और अन्य लोगों द्वारा जांच पर कुछ संदेह व्यक्त किए गए हैं, इसलिए मामले की आगे और जांच करने का फैसला लिया गया है। कोर्ट में एक याचिका दायर कर मजिस्ट्रेट से मामले की आगे की जांच की अनुमति देने का अनुरोध किया जाएगा। मामले में अंतिम क्लोजर रिपोर्ट नवंबर, 2023 से पहले की गई जांच के आधार पर तैयार की गई थी।"
रोहित की जाति पर पहले भी हुआ विवाद
पहले आंध्र प्रदेश सरकार ने दावा किया था कि रोहित दलित नहीं था, बल्कि वड्डेरा अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) जाति का था। इसके बाद रोहित की मां ने कहा था कि उनका जन्म प्रवासी श्रमिकों के एक दलित परिवार में हुआ था और फिर उन्हें एक OBC परिवार ने गोद ले लिया था। उन्होंने कहा था कि वह अपने माता-पिता को नहीं जानती थी और उनकी शादी एक OBC परिवार में कर दी गई थी।