रियासी हमले में बड़े खुलासे; ऐप इस्तेमाल कर रहे थे आतंकी, स्थानीय व्यक्ति ने की मदद
क्या है खबर?
9 जून को जम्मू-कश्मीर के रियासी में तीर्थयात्रियों की बस पर हुए घातक आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कर रही है। एंजेसी को इस संबंध में कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं।
NIA को पता चला है कि हमले में शामिल आतंकियों की मदद एक स्थानीय नागरिक हाकम खान ने की थी। एजेंसी ने हाकम से 3 बार पूछताछ की है।
इसके अलावा लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका और एक मोबाइल एप्लीकेशन से जुड़े सुराग भी हाथ लगे हैं।
पनाह
हाकम ने 9 दिन तक आतंकियों को दी पनाह
न्यूज18 के मुताबिक, 1 जून की रात 3 पाकिस्तानी आतंकी राजौरी में हाकम के घर आए थे।
NIA के एक अधिकारी ने बताया कि उर्दू और शायद पंजाबी बोलने वाले तीनों आतंकवादी 1 जून की रात से 9 जून तक हाकिम के मिट्टी के घर में रुके थे। हाकिम ने उन्हें न केवल खाना-पीना दिया, बल्कि हमले की जगह की रैकी करने में भी मदद की।
हाकम अब NIA की गिरफ्त में है।
रैकी
आतंकियों को हमले वाली जगह ले गया था हाकिम
न्यूज18 ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 7 जून को हाकम आतंकवादियों को पौनी इलाके में ले गया, जहां हमला हुआ था।
एक अधिकारी ने कहा, "7 तारीख को हाकिम आतंकियों को उस सड़क पर ले गया, जहां हमला हुआ था, ताकि वह मोड़ पहचाना जा सके, जहां वाहन धीमा हो सकता था। यहां भागने की जगह भी तलाशी गई। जहां हमला किया गया, उसे ढलान के ऊपर-नीचे दोनों तरफ से दूर से नहीं देखा जा सकता था।"
ऐप
हमले में ऐप का भी हुआ इस्तेमाल
अधिकारियों ने कहा कि आतंकवादी 'अल्पाइन वेस्ट' नामक ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो इलाके के बारे में रियल टाइम जानकारी देती है।
एक अधिकारी ने कहा, "NIA के पास यह मानने के कारण हैं कि इस ऐप का नेविगेशन टूल के रूप में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है। अब तक के सबूत बताते हैं कि हर हमले से पहले हैंडलर से संपर्क किया जाता है और अनुमति ली जाती है।"
लश्कर-ए-तैयबा
लश्कर-ए-तैयबा के आंतकियों की भी हो सकती है भूमिका
NIA को हमले में लश्कर-ए-तैयबा के सैफुल्ला उर्फ साजिद जट और अबू काताल उर्फ काताल सिंधी की भूमिका के बारे में भी पता चला है।
पाकिस्तानी पंजाब के निवासी जट्ट पर 10 लाख रुपये का इनाम है। पिछले साल राजौरी में हुए एक हमले में NIA ने दोनों को आरोपी बनाया है।
माना जा रहा है कि दोनों का इस हमले में भी हाथ हो सकता है। हालांकि, इस एंगल से अभी और जानकारी जुटाई जा रही है।
कठुआ
कठुआ में भी रियासी जैसा ही हुआ हमला
8 जुलाई को आतंकियों ने कठुआ में सेना के वाहन पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें 5 जवान शहीद हो गए।
आतंकियों ने रियासी की तरह यहां भी ड्राइवर को निशाना बनाया और वाहन को घाटी में गिराना चाहते थे। हालांकि, गति कम होने की वजह से ऐसा नहीं हुआ।
हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नामk संगठन ने ली है, जो प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ही एक शाखा है।
हमला
रियासी हमले में मारे गए थे 10 लोग
9 जून को तीर्थयात्रियों की एक बस रियासी स्थित शिवखोड़ी गुफा तीर्थ स्थल पर माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए कटरा रवाना हुई थी।
इसी दौरान घात लगाए बैठे आतंकियों ने बस पर गोलीबारी की, जिससे बस खाई में जा गिरी। हमले में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 33 घायल हो गए थे।
पुलिस ने हमले के एक संदिग्ध का स्कैच जारी कर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।