मोदी-बाइडन द्विपक्षीय बैठक: 6G स्पेक्ट्रम, जेट इंजन और रीपर ड्रोन समेत इन मुद्दों पर होगी चर्चा
G-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन आज शाम भारत आएंगे। इसके बाद वे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता में शामिल होंगे। इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच 6G स्पेक्ट्रम, जेट इंजन और रीपर ड्रोन समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने दोनों नेताओं के बीच होने वाली चर्चा को लेकर जानकारी दी है।
किन मुद्दों पर दोनों नेताओं में होगी बातचीत?
सुलिवन के मुताहिक, "अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान जिन मुद्दों पर बात हुई थी, उन मुद्दों की प्रगति पर चर्चा की जाएगी। इनमें जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के जेट इंजन का मुद्दा, MQ-9 रीपर ड्रोन, 5G और 6G तकनीक के साथ ही महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, नागरिक परमाणु क्षेत्र में प्रगति जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी।"
बैठक के बारे में सुलिवन ने और क्या बताया?
सुलिवन ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन उन जरूरी और आधारभूत मूल्यों पर भी बोलेंगे, जिन पर अमेरिका विश्वास करता है। उन्होंने कहा, "बाइडन अन्य नेताओं के साथ भी बैठक करेंगे और G-20 शिखर सम्मेलन के बाद वियतनाम के लिए रवाना होंगे।" व्हाइट हाउस के मुताबिक, मोदी और बाइडन गरीबी से लड़ने के लिए विश्व बैंक सहित दूसरे बहुपक्षीय विकास बैंकों की क्षमता बढ़ाने और अन्य दूसरे वैश्विक मुद्दों पर भी बात करेंगे।
जो बाइडन की ये पहली भारत यात्रा
राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडन पहली बार भारत आ रहे हैं। वे आज शाम दिल्ली पहुंचेंगे और सम्मेलन के बाद 10 सितंबर की दोपहर को वियतनाम रवाना होंगे। बाइडन बेहद कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली की ITC मौर्य होटल में रुकेंगे। इससे पहले फरवरी, 2020 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत का दौरा कर चुके हैं। बता दें कि ड्वाइट आइजनहावर भारत का दौरा करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे।
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत-अमेरिका के बीच रीपर ड्रोन को लेकर बात हो सकती है। इसे 'प्रिडेटर ड्रोन' भी कहा जाता है। ये मानव-रहित हवाई वाहन (UAV) है, यानी इसे रिमोट कंट्रोल से उड़ाया जाता है। इसका इस्तेमाल जासूसी और सूचना जमा करने से लेकर हमले करने तक में किया जा सकता है। यह 388 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लगातार 40 घंटे तक उड़ान भर सकता है। ये 11,000 किलोमीटर दूर से ही दुश्मन के ठिकाने पर हमला करने में सक्षम है।