सरकार ने 2019 चुनाव से पहले RBI से मांगे थे 2-3 लाख करोड़ रुपये, जानें मामला
क्या है खबर?
2019 लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से 2-3 लाख करोड़ रुपये मांगे थे। हालांकि, RBI ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद दोनों के बीच मतभेद पैदा हो गए। RBI के पूर्व डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने इस बात का खुलासा किया है।
बता दें कि कथित तौर पर इस मतभेद की वजह से ही आचार्य ने अपना कार्यकाल खत्म होने से 6 महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया था।
प्रस्ताव
RBI ने ठुकराया था सरकार का प्रस्ताव
आचार्य ने 2020 में प्रकाशित हुई अपनी पुस्तक 'क्वेस्ट फॉर रिस्टोरिंग फाइनेंशियल स्टेबिलिटी' की नई प्रस्तावना में इस बात का खुलासा किया है।
उन्होंने कहा कि RBI ने लोकसभा चुनाव से पहले 2018 में बैलेंस शीट से 2-3 लाख करोड़ रुपये निकालने के सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।
आचार्य के मुताबिक, नौकरशाही और सरकार में बैठे कुछ लोगों ने RBI द्वारा जमा की गई बड़ी रकम को सरकार के खाते में ट्रांसफर करने की योजना बनाई थी।
बयान
आचार्य ने और क्या-क्या कहा?
अखबार मिंट के मुताबिक, आचार्य ने कहा कि हर साल RBI अपने लाभ का एक हिस्सा सरकार को वितरित करने के बजाय अलग रख देता है।
उन्होंने कहा, "नोटबंदी के पहले के 3 सालों में RBI ने सरकार को रिकॉर्ड राशि ट्रांसफर की। हालांकि, नोटबंदी की वजह से नई मुद्रा छापने में RBI का खर्च बढ़ा। इस वजह से सरकार को कम पैसा ट्रांसफर किया गया, जिसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव से पहले सरकार की मांग 'तेज' हो गई।
आरोप
आचार्य ने सरकार पर लगाए ये आरोप
आचार्य ने कहा कि सरकार ऐसा कर केंद्रीय बैंक द्वारा राजकोषीय घाटे को कम करने की कोशिश कर रही थी।
उन्होंने कहा, "सरकार चुनावी साल में लोकलुभावन खर्चों में कटौती नहीं करना चाहती थी, क्योंकि उसके पास RBI की बैलेंस शीट पर छापा मारने का विकल्प था। RBI पर दबाव डालने की एक और वजह ये थी कि सरकार विनिवेश राजस्व को बढ़ाने में विफल रही थी।"
उन्होंने कहा कि ऐसा करना एक वार्षिक अनुष्ठान की तरह हो गया है।
धारा 7
RBI के इनकार के बाद सरकार ने उठाया था ये कदम
आचार्य ने कहा कि RBI ने पैसे देने से इनकार कर दिया तो एक प्रस्ताव में RBI अधिनियम की धारा 7 को लागू करने का सुझाव दिया गया।
इसके तहत सरकार को ये अधिकार मिल जाता है कि वो गवर्नर से परामर्श के बाद सार्वजनिक हित में RBI को निर्देश दे सकती है। बाद में सरकार ने इस धारा को लागू भी किया था।
RBI की स्थापना के बाद ये पहली बार हुआ था, जब धारा-7 का इस्तेमाल किया गया।
RBI
न्यूजबाइट्स प्लस
RBI देश का केंद्रीय बैंक है। इसकी स्थापना RBI अधिनियम, 1934 के तहत 1 अप्रैल, 1935 को हुई थी।
शुरुआत में इसका कार्यालय कोलकाता में था, जिसे 1937 में मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया। 1949 में राष्ट्रीयकरण के बाद इसका पूरा कामकाज केंद्र सरकार के अधीन आ गया।
RBI मौद्रिक नीति लागू करना, वित्तीय प्रणाली का नियंत्रण करना, विदेशी मुद्रा का प्रबंधन करना और मुद्रा जारी करना जैसे मुख्य काम करता है। वर्तमान में शक्तिकांत दास इसके गवर्नर हैं।