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दुष्कर्म और हत्या के दोषी गुरमीत राम रहीम को पहली बार मिली 21 दिन की फरलो
दुष्कर्म और हत्या के दोषी गुरमीत राम रहीम को पहली बार मिली 21 दिन की फरलो।

दुष्कर्म और हत्या के दोषी गुरमीत राम रहीम को पहली बार मिली 21 दिन की फरलो

Feb 07, 2022
01:49 pm

क्या है खबर?

साध्वी से दुष्कर्म और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा भुगत डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को हरियाणा सरकार ने 21 दिन की फरलो दे दी है। उनके जेल जाने के बाद से पहली बार यह फरलो दी गई है। इससे उनके अनुयायियों में खुशी की लहर है। वर्तमान में वह रोहतक की सुनारिया जेल में हैं और अब आदेश के बाद शाम तक उनके जेल से बाहर निकलने और डेरा जाने की उम्मीद है।

बयान

जेल एवं बिजली मंत्री ने की फरलो की पुष्टि

जेल एवं बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने फरलो की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि राम रहीम को 21 दिन की फरलो दी गई है। उसके सिरसा डेरा जाने के संबंध में जेल मंत्री ने कहा कि जेल विभाग की जिम्मेदारी जेल परिसर तक की है और उसके बाद राम रहीम कहां जाएं या न जाएं यह उनका मामला है। जेल से बाहर उनकी सुरक्षा का काम गृह विभाग का है। राम रहीम को 21 दिन बाद जेल लौटना होगा।

पृष्ठभूमि

दुष्कर्म के मामले में 2017 में सुनाई गई थी सजा

डेरा सच्चा सौदा की दो साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में 25 अगस्त, 2017 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की विशेष अदालत ने राम रहीम को दोषी करार दिया था। इसके बाद सजा के ऐलान के लिए 27 अगस्त, 2017 को सुनारिया जेल में ही CBI की विशेष अदालत लगाई गई थी। उस दौरान कोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुनाते हुए राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई थी। सजा के बाद इलाके में हिंसा भड़क गई थी।

अन्य

हत्या के दो मामलों में मिली थी उमक्रैद की सजा

राम रहीम को साध्वियों से दुष्कर्म के अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में भी CBI अदालत ने जनवरी, 2019 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। छत्रपति की साल 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वो अपने अखबार 'पूरा सच' में डेरा सच्चा सौदा से जुड़े सच दुनिया के सामने ला रहे थे। इसी तरह 18 अक्टूबर, 2021 को राम रहीम को पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

मायने

क्या है राम रहीम को फरलो देने के मायने?

राम रहीम को यह फरलो पड़ोसी राज्य पंजाब में दो सप्ताह बाद होने वाले विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि सिरसा से लगते हुए पंजाब के मालवा इलाके में डेरा सच्चा सौदा का खासा प्रभाव रहा है और क्षेत्र के मतदाता परिणाम तय करने में अहम रहते हैं। ऐसे में राम रहीम की फरलो उनके अनुयायियों को भाजपा की ओर मोड सकती है। सिरसा डेरे पर अनुयायियों का जुटना शुरू हो गया है।

पहली बार

राम रहीम को पहली बार मिली है फरलो

बता दें कि जेल जाने के बाद से राम रहीम ने कई बाद पैरोल और फरलो के लिए आवेदन किया था, लेकिन हर बार उनके आवेदनों को निरस्त कर दिया गया था। हालांकि, मई 2021 में उसे 48 घंटे की पैरोल मिली थी। उस दौरान वह अपनी बीमार मां का हाल जानने के लिए गुरुग्राम गया था। इसके अलावा उसे कई बार जेल से बाहर PGIMS और गुरुग्राम अस्पताल भी ले जाया गया था, लेकिन फरलो पहली बार मिली है।

फरलो

न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)

जेल अधिनियम, 1894 के तहत कैदियों को पैरोल और फरलो का प्रावधान किया गया है। पैरोल जहां अति आवश्यक कार्य होने पर दी जाती है, वहीं फरलो उम्रकैद वाले कैदियों को पारिवारिक, व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारियां पूरी करने के लिए अस्थाई छुट्टी के रूप में दी जाती है। एक साल में कैदी तीन बार फरलो ले सकता है, लेकिन इसकी कुल अवधि सात सप्ताह से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। विशेष स्थिति में इसे बढ़ाया जा सकता है।