राष्ट्रपति भवन छोड़कर लुटियन दिल्ली के बंगले में शिफ्ट हुए रामनाथ कोविंद, मिलेंगी ये सुविधाएं
राष्ट्रपति के तौर पर कार्यकाल खत्म होने के बाद रामनाथ कोविंद सोमवार को लुटियन दिल्ली में बने बंगले में शिफ्ट हो गए हैं। उन्हें 12-जनपथ का बंगला आवंटित किया गया है और वो कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी के पड़ोसी होंगे, जो 10-जनपथ में रहती हैं। 12-जनपथ बंगले में पहले केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान रहते थे। उनके निधन के बाद उनके बेटे इस बंगले में रह रहे थे, लेकिन मार्च में उनसे बंगला खाली करवा लिया गया था।
कोविंद को और क्या सुविधाएं मिलेंगी?
नियमों के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति टाइप-8 बंगले के हकदार होते हैं, जहां वो आजीवन रहेंगे। इसके लिए उन्हें कोई किराया नहीं चुकाना होगा। इस बंगले के अलावा कोविंद एक निजी सचिव, एक अपर निजी सचिव, निजी सहायक, दो चपरासी और ऑफिस के खर्च के लिए सालाना एक लाख रुपये के भत्ता पाने के हकदार हैं। इसके साथ-साथ उन्हें दो टेलीफोन, एक मोबाइल फोन और एक कार या कार के लिए भत्ता मिलेगा।
2.5 लाख रुपये मिलेगी पेंशन
कानून के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति को आजीवन हर महीने राष्ट्रपति के वेतन की 50 प्रतिशत दर से पेंशन मिलती है। अभी देश के राष्ट्रपति का वेतन पांच लाख रुपये प्रति माह है। इस हिसाब से रामनाथ कोविंद को हर महीने 2.5 लाख रुपये बतौर पेंशन मिलेंगे। इसके साथ ही उन्हें मुफ्त चिकित्सा सलाह और इलाज की सुविधा मिलेगी। वो पूरे भारत में एक व्यक्ति के साथ जहाज और रेल के जरिये उच्चतम श्रेणी में मुफ्त में यात्रा के हकदार हैं।
कार्यकाल के आखिरी दिन किया देश को संबोधित
बतौर राष्ट्रपति अपने कार्यकाल के आखिरी दिन रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को संंबोधित किया था। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, "कानपुर देहात जिले के परौंख गांव में एक बेहद साधारण परिवार में पले-बढ़े होने के बावजूद मैं एक राष्ट्रपति के तौर पर देशवासियों को संबोधित कर रहा हूं. इसके लिए मैं देश की जीवंत लोकतांत्रिक व्यवस्था की ताकत को सलाम करता हूं।" इस मौके पर उन्होंने सहयोग के लिए देशवासियों को धन्यवाद भी दिया।
द्रौपदी मुर्मू बनीं नई राष्ट्रपति
सोमवार को द्रौपदी मुर्मू ने देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित हुए शपथ ग्रहण समारोह में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना ने उन्हें देश के सर्वोच्च पद की शपथ दिलाई। बता दें कि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार रहीं द्रौपदी मुर्मू विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराकर देश की राष्ट्रपति बनी हैं। चुनाव में मुर्मू को कुल 64 प्रतिशत वोट मिले थे।
पहली आदिवासी राष्ट्रपति समेत मुर्मू ने बनाए ये रिकॉर्ड
राष्ट्रपति बनने के साथ ही मुर्मू ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं। वह भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं। वह ओडिशा से आने वाली पहली राष्ट्रपति भी हैं। वह अब तक की सबसे युवा राष्ट्रपति भी हैं। इसके अलावा मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति भी हैं। उनसे पहले केवल प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति ही रही हैं। ओडिशा सरकार में क्लर्क की नौकरी से करियर शुरू करने वालीं मुर्मू इससे पहले झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं।