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    अगर किसानों को जबरन हटाया तो सरकारी दफ्तरों को गल्ला मंडी बना देंगे- राकेश टिकैत
    राकेश टिकैत की सरकार को चेतावनी

    अगर किसानों को जबरन हटाया तो सरकारी दफ्तरों को गल्ला मंडी बना देंगे- राकेश टिकैत

    लेखन मुकुल तोमर
    Oct 31, 2021
    01:36 pm

    क्या है खबर?

    भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर से सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि अगर किसानों को जबरदस्ती बॉर्डरों से हटाने की कोशिश की गई तो वे देशभर में सरकारी दफ्तरों को गल्ला मंडी बना देंगे।

    उन्होंने ये चेतावनी ऐसे समय पर दी है जब पुलिस ने दिल्ली के पास स्थित कुछ बॉर्डरों से बैरिकेड्स हटाए हैं और रास्तों को खोलने की तैयारी की जा रही है।

    मामला

    टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से हटाए गए हैं बैरिकेड्स

    पुलिस ने गुरूवार को दिल्ली-हरियाणा के टिकरी बॉर्डर और दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर से सीमेंट के ब्लॉक और बाकी बैरिकेड्स हटाना शुरू किया था और ज्यादातर बैरिकेड्स का हटाया जा चुका है।

    ये बैरिकेड्स किसान आंदोलन शुरू होने के बाद से ही यहां थे और इनके कारण लगभग 11 महीने से रास्ता बंद था। किसानों का कहना था कि बैरिकेड्स उन्होंने नहीं लगाए हैं और रास्ता पुलिस ने रोका हुआ है।

    अन्य बयान

    रास्ता खुलने पर संसद के बाहर फसल बेचने की बात कह चुके हैं टिकैत

    राकेश टिकैत ने पहले भी इन बैरिकेड्स को हटाए जाने पर टिप्पणी की थी और कहा था कि अब किसान संसद के बाहर अपनी फसल बेच पाएंगे।

    उन्होंने कहा था, "किसानों को बैठे हुए 11 महीने हो गए हैं। बेरिकेडिंग हटनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसान कहीं भी फसल बेच सकते हैं। अगर सड़कें खुली रहीं तो हम अपनी फसल बेचने के लिए संसद भी जाएंगे। रास्ता खुलेगा तो हम धान से भरे ट्रैक्टर दिल्ली जाएंगे।"

    टिप्पणी

    सुप्रीम कोर्ट ने की थी रास्ते रोकने पर तल्ख टिप्पणी

    बता दें कि सड़कों को घेरने को लेकर सुप्रीम कोर्ट किसान आंदोलन पर तल्ख टिप्पणी कर चुका है।

    कोर्ट ने कहा था कि किसानों को प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन सड़कों पर आवाजाही को नहीं रोका जा सकता। कोर्ट ने किसानों से ये भी कहा था कि उन्होंने पूरे शहर (दिल्ली) का दम घोंट दिया है और नागरिकों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। किसानों ने रास्तों को बंद करने की बात से इनकार किया है।

    आंदोलन

    पिछले साल नवंबर से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं किसान

    गौरतलब है कि किसान केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ 25 नवंबर, 2020 से दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे है। इससे गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, शाहजहांपुर बॉर्डर सहित कई मार्गों पर ट्रैफिक बंद है।

    नोएडा मार्ग के बंद होने से लोगों को 20 मिनट का सफर करने में दो घंटे का समय लग रहा है। इसी तरह शाहजहांपुर बॉर्डर पर एक तरफ का रास्ता बंद होने से दिल्ली जाने वाले लोगों का सफर लंबा हो गया है।

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