गाजीपुर बॉर्डर से बेरिकेडिंग हटाने पर राकेश टिकैत बोले- अब फसल बेचने संसद जाएंगे
क्या है खबर?
कृषि कानूनों के विरोध के कारण पिछले 11 महीने से बंद गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर से दिल्ली पुलिस ने बेरिकेडिंग हटाना शुरू कर दिया है।
पुलिस ने गुरुवार को टिकरी बॉर्डर से बेरिकेडिंग हटाए तो शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर से बेरिकेडिंग हटाना शुरू कर दिया है। ऐसे में अब दिल्ली को जाने वाले इन रास्तों के जल्द खुलने की संभावना है।
इसी बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि अब किसान संसद के बाहर अपनी फसल बेचने जाएंगे।
पृष्ठभूमि
पिछले 11 महीनों से बंद थे दोनों बॉर्डर
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने 25 नवंबर, 2020 से टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा जमा लिया था। इससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही थी।
21 अक्टूबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। जिमसें कोर्ट ने कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि किसान विरोध कर सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक रास्ते को बंद नहीं कर सकते हैं। किसानों के इस कदम से लोगों को खासी परेशानी हो रही है।
सफाई
टिकैत ने पुलिस पर लगाया था रास्ता बंद करने का आरोप
सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद गत दिनों किसान नेता टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर से कुछ टेंटों को हटाकर संदेश दिया था कि रास्तों को किसानों ने नहीं, बल्कि पुलिस ने बेरिकेडिंग लगाकर बंद कर रखा है।
इसके बाद सरकार ने दिल्ली पुलिस को दोनों बॉर्डर से अपनी बेरिकेडिंग हटाने के आदेश दिए थे।
इसकी पालना में पुलिस ने पहले टिकरी बॉर्डर से बेरिकेडिंग हटाई और अब गाजीपुर बॉर्डर से बेरिकेडिंग हटाने का काम जारी है।
बयान
टिकैत ने बेरिकेडिंग हटाने को लेकर क्या कहा?
पुलिस के बेरिकेडिंग हटाने पर टिकैत ने कहा, "किसानों को बैठे हुए 11 महीने हो गए हैं। बेरिकेडिंग हटनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसान कहीं भी फसल बेच सकते हैं। अगर सड़कें खुली रहीं तो हम अपनी फसल बेचने के लिए संसद भी जाएंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "संयुक्त मोर्चा फैसला करेगा। रास्ता खुलेगा तो पहले धान से भरे ट्रैक्टर दिल्ली जाएंगे और उसके बाद हम जाएंगे। फिर देखेंगे कि उन्हें कहां रोका जाता है।"
बयान
"हम रास्ता रोकने वाले लोग नहीं"
टिकैत ने कहा, "हम रास्ता रोकने वाले लोग नहीं हैं। हमारी रास्ते की लड़ाई नहीं है। हमारी लड़ाई तीन काले कानूनों के खिलाफ है। रास्तों को तो पुलिस ने ही बेरिकेडिंग लगाकर रोका था और वह उन्हें दिल्ली में प्रवेश नहीं दे रहे थे।"
बयान
एक घंटे में हटा दी जाएगी बेरिकेडिंग- कश्यप
पूर्वी दिल्ली की पुलिस उपायुक्त (DCP) प्रियंका कश्यप ने कहा, "एक घंटे के अंदर बेरिकेडिंग हटा दी जाएगी। हमें आदेश आए हैं इसलिए हम बेरिकेडिंग हटा रहे हैं। अभी हाईवे पर लगी बैरिकेडिंग को हटाया जा रहा है।"
इसी तरह बेरिकेडिंग लगाए जाने के सवाल पर पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने कहा, "यह बैरिकेड नोएडा में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को देखते हुए लगाई गई थी। अब किसानों से बातचीत कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है।"
पृष्ठभूमि
क्यों आंदोलन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए सितंबर, 2020 में तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।