
राजस्थान: स्कूल हादसे से ठीक पहले बच्चों ने की थी शिकायत, शिक्षकों ने नहीं दिया ध्यान
क्या है खबर?
राजस्थान के झालावाड़ में 25 जुलाई को हुए स्कूल हादसे में शिक्षकों की गंभीर लापरवाही सामने आई है। जिस स्कूल की इमारत ढही, वहां छात्रों ने शिक्षकों से छत से कंकड़ गिरने की शिकायत की थी। हालांकि, शिक्षकों ने ध्यान नहीं दिया और बच्चों से अपनी कक्षाओं में जाने को कहा। इसके बाद स्कूल की छत ढह गई, जिसमें 7 बच्चों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए।
बयान
बच्चों ने शिकायत की, शिक्षक नाश्ता करते रहे
दैनिक भास्कर से बात करते हुए छात्रा वर्षा राज क्रांति ने कहा, "छत गिरने से पहले कंकड़ गिर रहे थे। बच्चों ने बाहर खड़े शिक्षकों को इसकी जानकारी दी, लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान ही नहीं दिया। थोड़ी देर बाद ही छत गिर गई।" एक छात्र ने इंडिया टुडे को बताया, "छत से कंकड़ गिर रहे थे। हमने शिक्षकों को बताया, तो उन्होंने डांटा और नाश्ता करते रहे। अगर बच्चों को बाहर निकाल लिया जाता, तो हादसा नहीं होता।"
छात्र
छात्र बोला- शिकायत करने पर शिक्षकों ने डांटा
8वीं कक्षा के एक अन्य छात्र ने कहा, "बच्चों को प्रार्थना के लिए कक्षा में बैठाया गया था। शिक्षक नाश्ता कर रहे थे। जब अंदर कंकड़ गिरने लगे, तो बच्चों ने शिक्षकों को बताया। शिक्षकों ने बच्चों को डांटा और कक्षा में वापस बैठने को कहा। इसके बाद दीवार ढह गई और छत बच्चों पर गिर गई। कई बच्चे बचने के लिए इधर-उधर भागे, कई मलबे में दब गए। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से बच्चों को बाहर निकाला गया।"
मरम्मत
एक महीने पहले हुई थी स्कूल की हल्की-फुल्की मरम्मत
स्कूल की दीवारें और छत जर्जर हालत में थीं। एक महीने पहले ही प्लास्टकर कर दीवारों की मरम्मत की गई थी। एक साल पहले भी स्कूल की छत से पानी टपकने की शिकायत मिली थी। तब भी मामूली मरम्मत करवाई गई थी। कलेक्टर ने स्कूल शिक्षा विभाग को पहले ही निर्देश दिए गए थे कि जर्जर स्कूलों में छुट्टी कर दी जाए, लेकिन यहां बच्चों की छुट्टी नहीं की गई।
निलंबन
5 शिक्षक निलंबित, परिजनों को मिलेगा मुआवजा
राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा, "मृतक बच्चों के परिवार वालों को 10 लाख रुपये और संविदा पर नौकरी दी जाएगी। नए बनने वाले विद्यालय भवन में कक्षाओं का नाम मृतक बच्चों के नाम पर रखा जाएगा।" वहीं, घटना के बाद कलेक्टर ने स्कूल के 5 शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा, "शिक्षकों की ओर से स्पष्ट लापरवाही सामने आई है। 5 लोगों को निलंबित कर दिया गया है। एक जांच समिति गठित की गई है।"
मौत
7 बच्चों की मौत, 21 घायल
25 जुलाई को मनोहरथाना के पिपलोदी सरकारी स्कूल की इमारत का एक हिस्सा ढह गया था। इसमें 35 बच्चे दब गए थे, जिनमें से 7 की मौत हो गई और 21 घायल हैं। घायलों में से 9 की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। मरने वालों में 2 सगे भाई-बहन हैं, जिनके शव एक ही अर्थी पर ले जाए गए। मृतकों की पहचान मीना, कान्हा, कुंदन, हरीश, पायल, प्रियंका और सतीश के रूप में हुई है।