राम मंदिर के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी बोले- अब हमारे रामलला टेंट में नहीं रहेंगे
क्या है खबर?
अयोध्या में आज रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभ मुहूर्त में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की।
इस अवसर पर देशभर से 7,000 की संख्या में करीब लोग अयोध्या पहुंचे, जिनमें देश के बड़े दिग्गज शामिल हुए। प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को संबोधित किया।
उन्होंने श्री राम की जय के साथ अपने भाषण की शुरुआत की और कहा कि अब रामलला को टेंट में नहीं रहना पड़ेगा।
संबोधन
प्रधानमंत्री ने कहा- हमारे प्रभु श्री राम आ गए हैं
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा, "सदियों की प्रतीक्षा के बाद आज हमारे राम आ गए हैं। अब हमारे रामलला टेंट में नहीं, दिव्य मंदिर में रहेंगे। आज जो हुआ है, उसकी अनुभूति देश और दुनिया के कोने-कोने में राम भक्तों को हो रही होगी।
उन्होंने कहा, "ये ऊर्जा, ये घड़ी और ये माहौल भगवान राम के आशीर्वाद के कारण। 22 जनवरी 2024 एक कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं, बल्कि एक काल चक्र का उद्गम है।"
संबोधन
प्रधानमंत्री ने कहा- 1,000 सालों बाद भी लोग इस दिन को याद करेंगे
उन्होंने कहा, "आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है, आज हमें श्री राम का मंदिर मिला है। गुलामी की मानसिकता के खिलाफ आज उठ खड़ा हुआ राष्ट्र। आज से 1,000 साल बाद भी लोग इस तारीख और पल की चर्चा करेंगे।"
उन्होंने कहा, "ये कितनी बड़ी राम कृपा है कि हम इसे साक्षात देख रहे हैं। साथियों हम सब जानते हैं कि जहां राम का काम होता है, वहां पवनपुत्र हनुमान अवश्य विराम होता है।"
क्षमा
प्रधानमंत्री ने इस बात के लिए भगवान राम से क्षमा मांगी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैं प्रभु राम से क्षमा याचना करता हूं। हमारे त्याग में कुछ तो कमी रही होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए। आज वो कमी पूरी हुई। मुझे विश्वास है कि राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे।"
उन्होंने कहा, "मैं आभार व्यक्त करूंगा भारत की न्याय पालिका का, जिसने न्याय की लाज रख ली। न्याय के पर्याय श्री राम का मंदिर भी न्याय के तरीके से ही बना है।"
गुणगान
प्रधानमंत्री ने कहा- राम विवाद नहीं, समाधान हैं
इस दौरान प्रधानमंत्री ने भगवान राम के गुणों का गुणगान किया।
उन्होंने कहा, "राम आग नहीं, ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम हमारे नहीं, सभी के हैं। राम वर्तमान नहीं, राम अनंतकाल हैं। आज जिस तरह इस प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन से पूरा विश्व जुड़ा हुआ है, वह राम की सर्वव्यापकता है। आज केवल श्री राम के विग्रह रूप की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हुई है, बल्कि भारतीय संस्कृति की भी प्रतिष्ठा है।"
विकास
प्रधानमंत्री बोले- अब भारत रुकेगा नहीं
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से अगले 1,000 साल के भारत की नींव रखनी है। उन्होंने युवाओं को अपनी परंपराओं से प्रेरणा लेने को कहा।
उन्होंने कहा, "आने वाला समय सफलता और सिद्धि का है। ये राम मंदिर भारत के उत्कर्ष, उदय और अभ्युदय का साक्षी बनेगा। ये सिखाता है कि अगर लक्ष्य सत्य प्रमाणित हो तो उसे प्राप्त करना असंभव नहीं। ये भारत को आगे बढ़ाने वाला समय है। अब हम विकास की ऊंचाई पर जाकर ही रहेंगे।"
प्राण प्रतिष्ठा
कब और कैसे हुई प्राण प्रतिष्ठा?
राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा अभिजीत मुहूर्त और मृगशिरा नक्षत्र के शुभ संयोग में हुई, जो दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक था।
इसी 84 सेकंड के अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा और सभी धार्मिक क्रियाएं संपन्न किये गए।
रामलला को जगाने के लिए विशेष मंत्रों का उच्चारण किया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान राम की आरती भी की।