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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की सराहना की, पहला कश्मीरी संस्करण जारी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान दिवस पर अनुच्छेद 370 हटाने की सराहना की (तस्वीर: एक्स/@rashtrapatibhvn)

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की सराहना की, पहला कश्मीरी संस्करण जारी

लेखन गजेंद्र
Nov 26, 2025
12:58 pm

क्या है खबर?

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को भारतीय संविधान को अपनाए जाने की 76वीं वर्षगांठ पर संविधान सदन (पुरानी संसद) के केंद्रीय हॉल में सदस्यों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की सराहना की और संविधान को एक ऐसा ग्रंथ बताया जो औपनिवेशिक सोच को खारिज करता है। उन्होंने मलयालम, बोडो, तेलुगु, नेपाली, पंजाबी, ओडिया, असमिया और मराठी सहित 9 भाषाओं में भारतीय संविधान संस्करण जारी किया। पहली बार कश्मीरी संस्करण भी जारी हुआ है।

भाषण

राष्ट्रपति मुर्मू ने क्या कहा?

राष्ट्रपति मुर्मू ने दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय एकता और सामाजिक न्याय को मजबूत करने के लिए उठाए गए ऐतिहासिक कदमों पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "तीन तलाक से जुड़े सामाजिक कुरीतियों पर अंकुश लगाकर संसद ने हमारी बहनों-बेटियों के सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। देश के आर्थिक एकीकरण के लिए स्वाधीनता के बाद सबसे बड़ा कर सुधार वस्तु और सेवा कर (GST) के रूप में किया गया है।"

बयान

संविधान औपनिवेशक सोच को खारिज करता है- राष्ट्रपति

उन्होंने कहा, "अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करके देश के सामने गौरव और राजनीतिक एकीकरण के मार्ग में बने हुए अवरोध को दूर किया है।" उन्होंने कहा, "हमारा संविधान हमारी राष्ट्रीय अस्मिता का ग्रंथ है। ये औपनिवेशिक सोच को खारिज करता है और राष्ट्रवादी मानसिकता से देश को आगे बढ़ाने का ग्रंथ है।" उन्होंने कहा भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता के संसद से पारित होने की सराहना की है।

संविधान

सभी ने एकसाथ पढ़ी प्रस्तावना

कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू के साथ उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे मंच पर मौजूद रहे। इस मौके पर केंद्रीय हॉल में मौजूद सभी सांसदों ने संविधान की प्रस्तावना को जोर से पढ़ा। बता दें कि कश्मीरी और बोडो भाषा में संविधान पहला संस्करण जारी हुआ है।

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भाषण