नरेंद्र मोदी ने पुतिन के सामने फिर उठाया यूक्रेन का मुद्दा, कहा- शांति से हो समाधान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को 16वें BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस के कजान शहर पहुंचे। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने से पहले प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई, जिसमें दोनों नेता बड़ी गर्मजोशी से एक-दूसरे से मिले। प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से हाथ मिलाकर उन्हें लगे भी लगाया है। इस दौरान दोनों के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध का शांति से समाधान निकालने की बात कही।
प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "रूस-यूक्रेन संघर्ष के विषय पर हम लगातार संपर्क में रहे। मैंने पहले भी कहा है, हमारा मानना है कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए। हम शांति और स्थिरता की बहाली का पूरा समर्थन करते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "हमारे सभी प्रयास मानवता को प्राथमिकता देते हैं। भारत आने वाले समय में हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है। आज इन सभी विषयों पर विचार साझा करने का एक और महत्वपूर्ण अवसर है।"
सुनिए, क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दौरे पर भी किया था आह्वान
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई में भी मास्को में 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति पुतिन से यूक्रेन युद्ध के मामले में शांति से समाधान का सुझाव दिया था। इसके बाद उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की से भी मुलाकात की थी।
राष्ट्रपति पुतिन ने भारत-रूस के संबंधों की मजबूती पर कही बड़ी बात
बैठक में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, "मॉस्को और नई दिल्ली के बीच संबंध विशेष रूप से विशेषाधिकार प्राप्त हैं और गतिशील रूप से विकसित हो रहे हैं। हमारे संबंध इतने घनिष्ठ हैं कि मुझे लगा कि आप बिना अनुवाद के ही मेरी बात समझ जाएंगे।" इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पिछले तीन महीनों में मेरी दूसरी रूस यात्रा हमारे घनिष्ठ समन्वय और गहरी मित्रता को दर्शाती है। पिछली बैठक ने सभी क्षेत्रों में हमारे सहयोग को मजबूत किया है।"
द्विपक्षीय साझेदारी की मजबूती पर हुई चर्चा
द्विपक्षीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री माेदी ने एक्स पर लिखा, 'राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक शानदार बैठक हुई। भारत और रूस के बीच संबंध बहुत गहरे हैं। हमारी बातचीत इस बात पर केंद्रित थी कि विभिन्न क्षेत्रों में हमारी द्विपक्षीय साझेदारी को और भी अधिक मजबूती कैसे दी जाए।' इससे साफ है कि दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय साझेदारी में चल रहे कार्याें पर भी चर्चा हुई है और उससे दोनों देशों को फायदा होने की संभावना है।
भारत-रूस का कई क्षेत्रों में है आपसी सहयोग
यूक्रेन युद्ध और पश्चिम देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भारत और रूस कई क्षेत्रों में आपसी सहयोग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की पिछली रूस यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने साल 2030 के अंत तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर (करीब 8.40 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा था। 2023 में रूस से भारत का आयात कुल 61.43 अरब डॉलर (3.48 लाख करोड़ रुपये) रहा, जो 2022 की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है।
भारत और रूस के बीच में हैं ये अन्य साझेदारियां
यूक्रेन युद्ध के बाद रूस, भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है। रूस के ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, 2023 में भारत ने 176 मिलियन टन थर्मल कोल का आयात किया, जिसके साथ ही भारत को रूस का निर्यात 2022 में 20 करोड़ टन से बढ़कर 2.62 करोड़ टन हो गया। इसी तरह, रूस रक्षा के क्षेत्र में भारत को 50 प्रतिशत से अधिक सैन्य उपकरण उपलब्ध कराता है। भारत रूसी हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार है।