भारत ने किया एक साथ कई परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ट्वीट करते हुए मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) टेक्नोलॉजी से लैस अग्नि-5 मिसाइल के पहले सफल उड़ान परीक्षण के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने इसे 'मिशन दिव्यास्त्र' नाम दिया। इस मिसाइल को भारत में ही विकसित किया गया है। इसमें लगी MIRV टेक्नोलॉजी एक क्रांतिकारी टेक्नोलॉजी है, जो देश की सैन्य क्षमता को बढ़ाने में एक बड़ा योगदान दे सकती है।
क्या है MIRV टेक्नोलॉजी?
MIRV एक ऐसी मिसाइल टेक्नोलॉजी है, जिसकी मदद से एक मिसाइल अपने साथ कई हथियार ले जा सकती है और इनसे कई लक्ष्यों को एक साथ निशाना बना सकती है। उदाहरण के तौर पर, जहां एक पारंपरिक मिसाइल अपने साथ एक ही हथियार ले जा सकती है और एक ही लक्ष्य को नष्ट कर सकती है, वहीं MIRV से लैस मिसाइल अपने साथ 4 हथियार ले जा सकती है और दुश्मन के 4 ठिकानों को नष्ट कर सकती है।
क्यों अहम है ये टेक्नोलॉजी?
MIRV टेक्नोलॉजी परमाणु संघर्ष की स्थिति में रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि इससे एक साथ कई ठिकानों पर परमाणु बम गिराकर जवाबी हमले के खतरे को कम किया जा सकता है। अग्नि-5 मिसाइल भी परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इसके साथ ही इस टेक्नोलॉजी से दुश्मन देश के एयर डिफेंस सिस्टम को भी भेदा जा सकता है। चीन और पाकिस्तान के दोहरे खतरे को देखते हुए ये भारत के लिए बेहद अहम है।
अभी किन-किन देशों के पास है MIRV टेक्नोलॉजी?
MIRV टेक्नोलॉजी को शीत युद्ध के दौरान विकसित किया गया था। तब इसका मकसद अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) और पनडुब्बी से लॉन्च होने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों (SLBM) की प्रभावशीलता बढ़ाना था। अमेरिका पहला ऐसा देश था, जिसने 1970 में ICBM पर MIRV टेक्नोलॉजी तैनात की थी। अभी उसके अलावा रूस, यूनाइटेड किंगडम (UK), फ्रांस और चीन के पास भी ये टेक्नोलॉजी है। पिछले साल नवंबर में पाकिस्तान ने भी इस तकनीक से लैस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था।
क्या है अग्नि-5 मिसाइल?
अग्नि-5 एक लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 5,000 किलोमीटर दूर तक लक्ष्य को भेद सकती है। इसकी क्षमता एक अंतर-महाद्वीपीय (इंटर-कॉन्टिनेंटल) मिसाइलों के करीब है, जो 5,500 किलोमीटर दूर तक मार कर सकती है। अग्नि-5 की मारक क्षमता कितनी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसकी रेंज में लगभग पूरा चीन, अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्से आ सकते हैं।
भारत के लिए क्यों अहम है अग्नि-5?
भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव को देखते हुए रक्षा विशेषज्ञ अग्नि-5 मिसाइल को बेहद अहम मानते हैं। उनका मानना है कि इस मिसाइल को चीन को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है और इसकी मौजूदगी के कारण वह भारत पर कोई भी हमला करने से पहले कई बार सोचेगा। ये मिसाइल उस पर हमले की स्थिति में भारत को चीन के अंदरूनी इलाकों तक जवाबी कार्रवाई करने की क्षमता प्रदान करती है।