BBC डॉक्यूमेंट्री विवाद के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने चेताया- देश में विभाजन पैदा करने की कोशिश
क्या है खबर?
BBC की डॉक्यूमेंट्री पर विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं को आगाह करते हुए कहा कि देश में मतभेद और विभाजन पैदा करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास कभी भी सफल नहीं होंगे और एक होकर ही भारत वैभव हासिल कर सकता है।
उन्होंने कहा कि मां भारती के दूध में दरार पैदा करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा।
बयान
देश को तोड़ने के बहाने ढू़ढ़े जा रहे- प्रधानमंत्री
शनिवार को दिल्ली कैंट के करियप्पा मैदान में राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) की एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "देश को तोड़ने के बहाने ढूढ़े जाते हैं। भांति-भांति की बातें निकालकर मां भारती की संतानों के बीच में, दूध में दरार डालने की कोशिशें हो रही हैं। इस तरह के प्रयासों के बावजूद भारत के लोगों के बीच कभी मतभेद नहीं होंगे। मां के दूध में कभी दरार नहीं हो सकती।"
बयान
एकता भारत की ताकत, इसी से भारत हासिल करेगा वैभव- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विभाजन पैदा करने की इन कोशिशों का उपचार एकता का मंत्र है।
उन्होंने कहा, "एकता का मंत्र प्रतिज्ञा के साथ-साथ भारत की ताकत भी है। यह एकमात्र तरीका है, जिससे भारत वैभव हासिल कर सकता है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में भारत की युवा शक्ति की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उनके कारण पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है और भारत का समय आ गया है।
विवाद
देशभर में BBC डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर हो रहा है विवाद
बता दें कि BBC की डॉक्यूमेंट्री पर देश में बड़ा विवाद खड़ा हो रखा है। सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन इसके बावजूद विभिन्न यूनिवर्सिटीज में छात्र इसकी स्क्रीनिंग कर रहे हैं।
अब तक दिल्ली यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU), जामिया यूनिवर्सिटी, पंजाब यूनिवर्सिटी, हैदराबाद यूनिवर्सिटी और जाधवपुर यूनिवर्सिटी में इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाया गया है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी में इसे लेकर बड़ा विवाद हो गया था और पुलिस ने कई छात्रों को हिरासत में ले लिया था।
विवाद
डॉक्यूमेंट्री में क्या दिखाया गया है?
'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' नामक BBC की इस डॉक्यूमेंट्री में 2002 गुजरात दंगों के लिए प्रधानमंत्री मोदी को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया है।
इसमें बताया गया है कि दंगों के बाद ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने अपने स्तर पर मामले की जांच की थी और इसमें पाया गया था कि हिंसा पहले से सुनियोजित थी और राज्य सरकार के संरक्षण में विश्व हिंदू परिषद (VHP) जैसे संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इसे अंजाम दिया था।
प्रतिक्रिया
सरकार का डॉक्यूमेंट्री पर क्या कहना है?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरूवार को डॉक्यूमेंट्री से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए इसे प्रोपेगेंडा का हिस्सा बताया था।
उन्होंने कहा था, "हमारा मानना है कि यह एक प्रोपेगेंडा सामग्री है, जिसे एक विशेष बदनाम नेरेटिव को आगे बढ़ाने के लिए बनाया गया है। इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट दिखाई दे रही है।"
उन्होंने कहा था कि यह डॉक्यूमेंट्री, जिस एजेंसी ने इसे बनाया है, उसकी मानसिकता दर्शाती है।