पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो आएंगे भारत, मई में SCO बैठक में लेंगे हिस्सा
क्या है खबर?
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी अगले महीने भारत आ रहे हैं। वह आगामी 4 और 5 मई को गोवा में आयोजित होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
SCO के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों को मई में होने वाली इस उच्च स्तरीय बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है।
बता दें कि 2014 में नवाज शरीफ के बाद ये किसी बड़े पाकिस्तानी नेता की पहली भारत यात्रा होगी।
विदेश मंत्रालय
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने की पुष्टि
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से इसकी पुष्टि की गई है। उसने ट्वीट करते हुए लिखा, 'विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो 4 और 5 मई को गोवा में आयोजित होने वाले विदेश मंत्रियों की SCO की बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।'
साल 2011 में पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के बाद ये किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली यात्रा है। वर्तमान में खार पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हैं।
मीटिंग
पिछली बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की नहीं हुई थी बात
जुलाई, 2022 में उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। इस बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो मौजूद थे, लेकिन दोनों मंत्रियों के बीच कोई भी बातचीत नहीं हुई थी।
उस वक्त बैठक में भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की थी, लेकिन बिलावल भुट्टो को उन्होंने नजरअंदाज कर दिया था।
भारत
वर्तमान में भारत कर रहा है SCO बैठक की अध्यक्षता
वर्तमान में भारत SCO की बैठक की अध्यक्षता कर रहा है। जनवरी में भारत की ओर से चीन और पाकिस्तान सहित सभी सदस्य देशों को निमंत्रण भेजा गया था।
फरवरी में विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, "हम SCO की वर्तमान अध्यक्षता कर रहे हैं। प्रथानुसार हम पाकिस्तान सहित सभी SCO देशों को निमंत्रण देते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि वे सभी कार्यक्रम में शामिल होंगे।"
SCO
क्या है SCO?
SCO का गठन 15 जून, 2001 में हुआ था। तब चीन, रूस और चार मध्य एशियाई देशों, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान, के नेताओं ने इस संगठन की स्थापना की थी।
इसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य सहयोग को बढ़ावा देकर क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना है।
साल 2017 में इस संगठन में भारत और पाकिस्तान को सदस्य देश का दर्जा दिया गया था। इसमें कुल सदस्य देशों की संख्या 8 है।
तनाव
2019 से भारत-पाकिस्तान के संबंधों में है तनाव
साल 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।
इसी साल फरवरी में हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में भारत ने कश्मीर का मुद्दा उठाने पर पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई थी। UNSC की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री भुट्टो के बयान को भारत ने आधारहीन बताया था।