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पहलगाम के आतंकियों ने ऑनलाइन खरीदे थे मोबाइल चार्जर, पुलिस खरीदने-बेचने वाले तक पहुंची
पहलगाम आतंकी हमले की जांच में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है (फाइल तस्वीर)

पहलगाम के आतंकियों ने ऑनलाइन खरीदे थे मोबाइल चार्जर, पुलिस खरीदने-बेचने वाले तक पहुंची

लेखन आबिद खान
Sep 25, 2025
12:51 pm

क्या है खबर?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच में एजेंसियों को बड़ी कामयाबी मिली है। जांच में पता चला है कि आतंकवादियों ने अपने आकाओं और ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) से बात करने के लिए ऑनलाइन मोबाइल फोन के चार्जर खरीदे थे। पुलिस को जांच के दौरान जंगलों से मोबाइल के 3 चार्जर मिले थे। इनके सीरियल नंबर के आधार पर जानकारी निकालते हुए अधिकारी इन्हें बेचने और खरीदने वाले लोगों तक पहुंचे।

बयान

वीवो कंपनी का था चार्जर, फ्लिपकार्ट से खरीदा गया

न्यूज18 से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक सूत्र ने कहा, "ऑपरेशन महादेव के दौरान मुठभेड़ स्थल से 3 मोबाइल चार्जर बरामद किए गए थे। बाद में जांच और तकनीकी सत्यापन से पता चला कि इनमें से एक चार्जर वीवो T2X 5G मोबाइल फोन का था। इसके बाद चार्जरों की खरीद के स्थान का पता लगाने के लिए मोबाइल फोन कंपनी वीवो और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट से संपर्क किया गया।"

खरीदार

चार्जर को बेचने और खरीदने वालों तक कैसे पहुंची पुलिस?

अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में वीवो और फ्लिपकार्ट से संपर्क किया गया। उन्होंने कहा, "वीवो ने अपने जवाब में चार्जर बनाने वाली कंपनी की पुष्टि की और फ्लिपकार्ट से मिली जानकारी से पता चला कि ये चार्जर इकबाल कंप्यूटर्स के मुसैब अहमद ने खरीदे थे। मुसैब ने चार्जर को मोहम्मद यूसुफ कटारी को बेचने की बात स्वीकार की।" यूसुफ के बैंक खाते से भी इसकी पुष्टि हुई। यूसुफ ने 24 मई को 14,500 रुपये का भुगतान किया था।

मदद

यूसुफ ने स्वीकारा- आतंकियों की मदद की थी

पूछताछ के दौरान यूसुफ ने कबूल किया है कि उसने मारे गए आतंकवादियों अफगान भाई, सुलेमान शाह और जिब्रान को रसद सहायता प्रदान की थी, जब वे दाचीगाम के जंगलों में छिपे हुए थे। पुलिस को शक है कि जब आतंकी बैसरन घाटी में हमला करने के बाद पहलगाम-दाचीगाम से भाग रहे थे, तब यूसुफ ने उन्हें रसद और आवाजाही में सक्रिय रूप से मदद की थी। यूसुफ 15 दिन की पुलिस रिमांड पर है।

हमला

पहलगाम हमले में मारे गए थे 26 लोग 

22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी। इनमें से 25 पर्यटक थे और एक घोड़ा चलाने वाला स्थानीय था। इस हमले का जवाब देने के लिए भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था और 7 मई को पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के 9 ठिकानों को तबाह कर दिया था। इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे। सुरक्षाबलों ने 'ऑपरेशन महादेव' में भी आतंकियों को मार गिराया था।