
गुजरात और कर्नाटक पहुंचा 'आई लव मुहम्मद' को लेकर बवाल, गाड़ियों और दुकानों में आग लगाई
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के कानपुर से शुरू होकर 'आई लव मुहम्मद' का बवाल गुजरात और कर्नाटक तक पहुंच गया है। बुधवार रात को दोनों राज्यों में इसको लेकर हंगामा हुआ है। गुजरात की राजधानी गांधीनगर में बवाल इतना बढ़ गया कि गरबा स्थल को भी निशाना बनाया गया। इस दौरान पथराव हुआ और दुकानों-गाड़ियों को आग लगा दी गई। कर्नाटक के दावणगेरे जिले में भी हालात बिगड़ गए और सांप्रदायिक तनाव की स्तिथि पैदा हुई।
हंगामा
गुजरात में क्या हुआ?
गांधीनगर में दहेगाम के बहियाल गांव में बुधवार रात को एक चाय विक्रेता ने अपने सोशल मीडिया स्टेटस पर 'आईलवमुहम्मद' की जगह 'आईलवमहादेव' लिखने की नसीहत दी थी। यह बात मुस्लिम समुदाय को नागवार गुजरी और वे भड़क गए। उन्होंने चाय विक्रेता की दुकान में आग लगा दी। पास में गरबा कार्यक्रम हो रहा था, जहां पथराव किया गया और 8 गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया। पुलिस के पहुंचने पर उपद्रवी भाग गए। पुलिस ने 50 को हिरासत में लिया है।
ट्विटर पोस्ट
गुजरात में पुलिस ने इलाके में दौरा किया
Gandhinagar, Gujarat: Stone-pelting broke out late at night in Bahiyal town, Dehgam tehsil, Gandhinagar, over a social media post. Several vehicles have been damaged, and some have been torched. Police have detained 60 people and have registered two FIRs. Situation remains under… pic.twitter.com/TwClAVFsKo
— IANS (@ians_india) September 25, 2025
विवाद
कर्नाटक में क्या हुआ विवाद?
कर्नाटक में दावणगेरे जिले के कार्ल मार्क्स नगर में 'आईलवमुहम्मद' के बैनर को लेकर बुधवार देर रात को 2 पक्षों में विवाद हो गया, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए। पुलिस ने बताया कि इलाके में एक समुदाय ने यह बैनर लगाया था, जिसका दूसरे समुदाय ने विरोध जताया। इसके बाद विवाद बढ़ गया। हालांकि, पुलिस सूचना के तुरंत बाद पहुंच गई और लोगों को खदेड़ दिया। इलाके के घरों में पथराव की सूचना है, जिसमें कुछ लोग घायल हुए हैं।
विवाद
क्या है 'आई लव मुहम्मद' से जुड़ा विवाद?
कानपुर में 4 सितंबर को बारावफात (ईद-ए-मिलाद-उन-नबी) पर रावतपुर के सैय्यद नगर इलाके में मुस्लिम समुदाय ने 'आई लव मुहम्मद' का लाइट बैनर लगाया था। दूसरे पक्ष ने इसे नई परंपरा बताते हुए विरोध किया और पोस्टर-बैनर फाड़ दिए। इसको लेकर अगले दिन जुलूस निकाला गया, जिस पर पुलिस ने FIR दर्ज की। असदुद्दीन ओवैसी ने 15 सितंबर को सोशल मीडिया पर मामले को तूल दिया, जिसके बाद महाराष्ट्र, उत्तराखंड, तेलंगाना, बिहार, गुजरात में विरोध-प्रदर्शन होने लगा।