ओडिशा: बेगुनाह शख्स ने हत्या के मामले में जेल में गुजारे 19 साल, अब हुई रिहाई
क्या है खबर?
ओडिशा में कानूनी प्रक्रिया का हैरान करने वाला मामला सामने आया है।
मयूरभंज जिले की एक अदालत ने साल 2003 में एक शख्स को एक बच्चे सहित तीन लोगों की हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारवास की सजा सुना दी, लेकिन अब 19 साल बाद हाई कोर्ट ने उसे इस मामले में निर्दोष करार देते हुए सभी आरोपों से बरी कर दिया है।
हालांकि, इस दौरान उसने अपनी जिंदगी कीमती 19 साल जेल में गुजार दिए।
प्रकरण
साल 2003 में हुई थी तीन लोगों की हत्या
बता दें कि साल 2003 में जशीपुर पुलिस थाना क्षेत्र के बलरामपुर गांव में एक बच्चे सहित तीन लोगों की हत्या हुई थी।
मृतकों के परिजनों ने इसका आरोप पड़ोसी हबील सिंधु पर लगाते हुए उसके खिलाफ हत्या और काला जादू का आरोप लगाया था।
पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय में चार्जशीट पेश कर दी। इस पर कोर्ट ने 2005 में उसे दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुना दी।
याचिका
हबील ने हाई कोर्ट में दी थी फैसले को चुनौती
निचली अदालत के फैसले को हबील ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कोर्ट ने जांच के लिए न्याय मित्र नियुक्त कर दिया।
इसके बाद मामले में फिर से लंबी जांच और सुनवाई हुई। गत दिनों 32 पन्नों की जांच रिपोर्ट और गवाहों के बयानों का विश्लेषण करने के बाद हाई कोर्ट को आरोपी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।
इसके बाद न्याय मित्र ने जांच रिपोर्ट जिला एवं सत्र न्यायालय को सौंप दी।
आदेश
हाई कोर्ट ने दिए हबील की रिहाई के आदेश
इस मामले में हाई कोर्ट ने हबील के निर्दोष मिलने पर उसे रिहा करने का आदेश दे दिया। जिसके बाद गुरुवार को उसे जेल से रिहा कर दिया गया।
जेल से रिहाई के बाद हबील ने कहा, "मैं आज बहुत खुश हूं। कोर्ट ने बेगुनाही की घोषणा घोषणा करते हुए मुझे रिहा कर दिया है। मैंने अपने जीवन के 19 महत्वपूर्ण साल जेल में बिताए हैं, जो वास्तव में एक लंबा समय है। अब मैं अपने गांव जाकर खेती करूंगा।"
बयान
हबील ने जेल में गुजारे जिंदगी के महत्वपूर्ण 19 साल- दास
अधिवक्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता अरबिंद दास ने कहा, "भले ही हाई कोर्ट ने हबील को निर्दोष करार देते हुए सभी आरोपों से मुक्त कर दिया, लेकिन उसने बिना कोई अपराध किए ही जिंदगी के महत्वपूर्ण 18 साल 11 महीने जेल में गुजारे हैं।"
उन्होंने कहा, "गलत तरीके से दोषी ठहराए जाने के बाद उन्होंने अपनी जवानी और परिवार के सदस्यों को खो दिया है। इन सभी 19 वर्षों में सिंधु को हुए आघात के लिए कौन जिम्मेदार होगा?"