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दिल्ली प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पराली जलाना राजनीतिक मुद्दा नहीं होना चाहिए 
प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठे रह सकते (फाइल तस्वीर)

दिल्ली प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पराली जलाना राजनीतिक मुद्दा नहीं होना चाहिए 

लेखन आबिद खान
Dec 01, 2025
04:40 pm

क्या है खबर?

दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पराली जलाने का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए या इसे अहंकार का मामला नहीं बनाया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि किसानों को दोषी ठहराने के बजाय उन्हें संवेदनशील बनाने और जरूरी मशीनरी से लैस करने की जरूरत है। कोर्ट ने ये भी कहा कि हममें से कोई भी हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठा रह सकता।

टिप्पणी

CJI बोले- ये नहीं मान सकते कि कोई समाधान नहीं

मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत ने कहा, "दिल्ली में प्रदूषण मामले को आमतौर पर अक्टूबर में सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता है। हम इसे नियमित रूप से उठाएंगे। वायु गुणवत्ता में सुधार सिर्फ इसलिए देखा गया क्योंकि इस मद पर सुनवाई हुई थी।" उन्होंने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और केंद्र सरकार से कहा, "हममें से कोई भी हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठ सकता। हम यह नहीं मान सकते कि इस समस्या का कोई समाधान नहीं है।"

पराली

कोर्ट ने कहा- कोविड के दौरान पराली जली, लेकिन आसमान साफ था

कोर्ट ने कहा, "पराली जलाना अकेला कारण नहीं है। कोविड के समय भी पराली जलाई जा रही थी, लेकिन तब आसमान बिल्कुल नीला और साफ था। लोग दिल्ली में रहते हुए भी आसमान में बगैर किसी प्रदूषण के तारे तक देख पाते थे। पराली जलाना तो प्रदूषण का एक कारण है। ये किसी के लिए राजनीतिक और अहम का कारण नहीं बनना चाहिए। किसान अगर पराली जला रहा है तो इसकी एक आर्थिक वजह है।"

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CAQM

कोर्ट ने CAQM को फटकारा

कोर्ट ने CAQM और सरकार से पूछा कि प्रदूषण कम करने के लिए उनकी योजना क्या है। कोर्ट ने कहा, "CAQM और प्राधिकारियों को कमर कसना चाहिए और दिल्ली-NCR में प्रदूषण की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों पर विचार करना चाहिए। जिस तरह से योजनाओं को चलाया जा रहा है उससे हम चिंतित हैं।" CJI ने आयोग से पूछा, "खुद से एक सवाल पूछिए, क्या आपकी कार्य योजना ने स्थिति को सुधारा है?"

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सुनवाई

सुनवाई के दौरान और क्या-क्या हुआ?

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को बताया कि CAQM ने हर राज्य सरकार से सलाह ली है और पराली जलाने, वाहन प्रदूषण और निर्माण स्थलों की धूल जैसे मुख्य कारणों पर विस्तृत कार्य योजनाएं तैयार की हैं। उन्होंने रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि सबसे ज्यादा योगदान वाहनों का है। CJI ने CAQM से कहा कि वो एक हफ्ते में प्रदूषण रोकने के लिए उठाए गए उपायों पर रिपोर्ट जमा करे। अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।

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