मध्य प्रदेश: NIA ने जबलपुर में ISIS मॉड्यूल का किया भंडाफोड़, कई संदिग्ध हिरासत में
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) के साथ मिलकर मध्य प्रदेश के जबलपुर से इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) के मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। इस संबंध में एजेंसी ने 13 लोगों को हिरासत में भी लिया है। बता दें कि NIA ने ATS के साथ मिलकर शुक्रवार को जबलपुर में 13 अलग-अलग इलाकों में छापेमारी की थी। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक वकील को भी हिरासत में लिए जाने की खबर है।
13 लोग हिरासत में लिए गए
दैनिक भास्कर के मुताबिक, NIA ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के वकील ए उस्मानी को हिरासत में लिया है। उन्हें घंटाघर ओमती स्थित घर से गिरफ्तार किया गया। सिविल लाइन इलाके के सुप्रीम प्लाजा अपार्टमेंट से भी 2 लोगों को हिरासत में लिए जाने की खबर है। NIA ने सैयद ममूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद को समेत 13 अन्य लोगों को हिरासत में लिया है और इन्हें भोपाल में NIA की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।
ISIS कनेक्शन भी आया सामने
हिरासत में लिए गए लोगों को ISIS से कनेक्शन भी सामने आया है। आदिल और उसके सहयोगियों पर सोशल मीडिया के जरिए ISIS के प्रचार-प्रसार में शामिल होने का आरोप है। जांच से पता चला कि तीनों आरोपी अत्यधिक कट्टरपंथी थे और जिहादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए फंड इकट्ठा करने, युवाओं को भर्ती करने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के उद्देश्य से हथियार और गोला-बारूद खरीदने की कोशिश में लगे हुए थे।
ATS ने NIA को सौंपा था मामला
बता दें कि 9 मई को ATS ने हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) से जुड़े 16 संदिग्धों को मध्य प्रदेश और हैदराबाद से गिरफ्तार किया था। हैदराबाद से 5 संदिग्ध भी गिरफ्तार किए गए थे। इन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ में विदेशी फंडिंग और इस्लामिक स्टेट से संबंध होने का खुलासा हुआ था। इसके बाद ATS ने मामला NIA को सौंप दिया था। NIA ने 25 मई को उत्तर प्रदेश में भी दो जगह छापेमारी की थी।
सोशल मीडिया के जरिए दहशत फैलाना चाहते थे आरोपी
हिरासत में लिए गए संदिग्धों के पास से धारदार हथियार, दस्तावेज, कारतूस और डिजिटल डिवाइस बरामद किए गए हैं। मॉड्यूल के लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर हिंसा फैलाने के उद्देश्य से गतिविधियों को अंजाम देते थे। जांच में खुलासा हुआ है कि एक आरोपी ने फिसबिलिल्लाह नाम का एक समूह बनाया था। वह इसी नाम से एक व्हाट्सऐप ग्रुप भी चला रहा था और अवैध हथियार हासिल करने की कोशिश कर रहा था।