LOADING...
महाराष्ट्र में कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया के नए नियम, तोड़ने पर होगी कार्रवाई 
महाराष्ट्र में कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया के नए नियम बनाए गए हैं (तस्वीर: अनस्प्लैश)

महाराष्ट्र में कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया के नए नियम, तोड़ने पर होगी कार्रवाई 

Jul 29, 2025
10:08 am

क्या है खबर?

सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करने वाले महाराष्ट्र के कर्मचारियों की अब खैर नहीं है। इसको लेकर महाराष्ट्र सरकार ने सोशल मीडिया उपयोग के नए नियम बनाए हैं। इसके तहत अब कर्मचारी योजनाओं को लेकर सरकार पर कोई टीका-टिप्पणी नहीं कर सकेंगे। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। इसको लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने कहा कि इससे काम में गोपनीयता आएगी और वे पहले से ज्यादा प्रभावी तरीके और जिम्मेदारी से काम करेंगे।

कारण 

इस कारण उठाया गया कदम

सामान्य प्रशासन विभाग ने कहा कि फेसबुक, लिंक्डइन, एक्स, यूट्यूब, व्हाट्सऐप और टेलीग्राम जैसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग बढ़ गया है। साथ ही त्वरित संदेश के बढ़ते प्रचलन और सुविधा ने गोपनीय और भ्रामक जानकारी के प्रसार के खतरे पैदा कर दिए हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने कर्मचारियों को सोशल मीडिया का सचेत और जिम्मेदारी से उपयोग करने के लिए कहा है। नए नियम स्थानीय निकाय, मंडल और सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारी-कर्मचारियों पर लागू होंगे।

निर्देश 

खुद की तारीफ करने पर भी प्रतिबंध 

दिशा-निर्देशों में लिखा है कि अब कर्मचारियों को अपने निजी और आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स को अलग-अलग रखना होगा। उन्हें सरकार की किसी नीति पर प्रतिक्रिया देने और आलोचना करने की मनाही होगी। वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के बिना गोपनीय दस्तावेज और जानकारी को किसी के साथ शेयर करने पर भी पाबंदी लगाई गई है। इतना ही नहीं, उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर खुद की तारीफ करने की भी इजाजत नहीं है, लेकिन योजनाओं की प्रशंसा कर सकते हैं।

रील्स 

रील्स में नहीं कर सकेंगे सरकारी संपत्ति का उपयोग 

आदेश के अनुसार, आपत्तिजनक और मानहानिकारक कंटेंट शेयर करने, अपलोड करने और उनको फॉरवर्ड करने पर भी पूरी तरह प्रतिबंधित होगा। साथ ही आपत्तिजनक फोटो पोस्ट, अपलोड और फॉरवर्ड करने, प्रतिबंधित ऐप्स और वेबसाइट का उपयोग करने पर रोक लगाई है। इसके अलावा उन्हें रील्स में सरकारी लोगो या संपत्ति- वाहन या इमारत का वीडियो में इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। नियमों का उल्लंघन करने पर महाराष्ट्र सिविल सेवा नियम 1979 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

अन्य राज्य 

ये राज्य भी लगा चुके हैं प्रतिबंध 

कर्मचारियों के सोशल मीडिया उपयोग पर नकेल कसने वाला महाराष्ट्र अकेला राज्य नहीं है। इससे पहले कई अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश भी ऐसा कदम उठा चुके हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी बिना अनुमति के सोशल मीडिया, अखबार, टीवी या रेडियो पर बयान देने, लेख लिखने या सरकार की नीतियों पर टिप्पणी करने पर रोक लगाई गई। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर और छत्तीसगढ़ में भी कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया उपयोग के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे।